Edited By Vijay, Updated: 14 Apr, 2024 09:38 PM

सराज के आराध्य नौ गढ़ नौ हार के मालिक श्री देव काला कामेश्वर भैंद अब सोने के करीब 4 करोड़ रुपए से बनाए रथ में विराजित हो गए हैं। रविवार को रथ के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और देवता से सुख-स्मृद्धि का आशीर्वाद लिया।
गोहर/जंजैहली (ख्यालीराम): सराज के आराध्य नौ गढ़ नौ हार के मालिक श्री देव काला कामेश्वर भैंद अब सोने के करीब 4 करोड़ रुपए से बनाए रथ में विराजित हो गए हैं। रविवार को रथ के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और देवता से सुख-स्मृद्धि का आशीर्वाद लिया। देवता के इस शुभ कार्य में शामिल होने के लिए दूर-दूर के अन्य देवी-देवताओं की करीब 105 कारदार कमेटियों ने भाग लिया। इनमें जिला के सबसे बड़े देवता देव कमरुनाग के गुर और पूर्व गुरों को समारोह में विशेष अधिमान दिया गया।
देव कमरुनाग के पुत्र हैं काला कामेश्वर
जानकारी के अनुसार देव काला कामेश्वर को बड़े देव कमरुनाग का पुत्र माना जाता है जो कमरुनाग के अन्य टीकों में एक विशेष स्थान रखते हैं। देव कमेटी के अध्यक्ष नोक सिंह ठाकुर ने बताया कि आराध्य के रथ का निर्माण देवलुओं, भक्तों तथा करसोग, नाचन और अन्य स्थानों के लोगों, जिनमें देवता के प्रति गहरी आस्था है, के सहयोग से किया गया है। रथ में 7 मुख (मोहरे) मंडैली, चानणी, रथ की डोडी तथा 7 किलो चांदी धातु से मंडप का निर्माण किया गया है, जिस पर लगभग 4 करोड़ की लागत आंकी गई है।
ठंडे पानी की सुराही में आने लगे बुलबुले
रविवार सुबह देव काला कामेश्वर के सोने से निर्मित रथ को कारदारों और देवलुओं ने देवता के मूल मंदिर रैनगलू पहुंचाया। पूजा-अर्चना के बाद देव कमरुनाग के गुर देवी सिंह ठाकुर ने देवता की शक्ति को रथ में समाहित होने का आह्वान किया और इसके बाद देवता प्रकट होने लगे तो ठंडे पानी की सुराही में देवता की शक्ति के तौर पर बुलबुले आने लगे। ऐसी दैवीय शक्ति को देख देवता के जयकारों का उद्घोष शुरू हो गया। देवता के गुर खेम सिंह ठाकुर ने बताया कि देवता का यह कारज पूरी तरह सफल हो गया है।
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