उप-मुख्यमंत्री ने शिमला में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में फहराया तिरंगा

Edited By Jyoti M, Updated: 15 Aug, 2025 03:40 PM

deputy chief minister hoisted the tricolor in independence day celebrations

जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह आज शिमला के रिज मैदान पर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उप-मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने की। उप-मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर भव्य परेड की सलामी ली जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर आशीष कौशल ने...

शिमला। जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह आज शिमला के रिज मैदान पर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उप-मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने की। उप-मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर भव्य परेड की सलामी ली जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर आशीष कौशल ने किया। उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आज का दिन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, त्याग और संघर्ष की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई। स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, एकता, अखंडता और भाईचारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करने का अवसर भी है। 

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि ने भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हमारे वीर जवानों ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा में अपनी वीरता का परिचय दिया है। यह गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश के वीर सपूतों को देश सेवा के लिए 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र और 24 कीर्ति चक्रों से नवाज़ा गया है। देश का पहला परमवीर चक्र, प्रदेश के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को प्राप्त हुआ था। इसके अतिरिक्त, कर्नल डी.एस. थापा, कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार मेजर संजय कुमार को उनके शौर्य व बलिदान के लिए परमवीर चक्र से नवाज़ा गया। आइए हम सब मिलकर राष्ट्रीय ध्वज को नमन करें। हमें अपने अतीत की गौरव गाथा से प्रेरणा लेते हुए भविष्य को उज्जवल बनाने का संकल्प लेना होगा। विकास के पथ पर हिमाचल प्रदेश ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है और यह यात्रा निरंतर जारी है। 

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जब अस्तित्व में आया, उस समय साधनों की कमी सहित कई चुनौतियां थी। लेकिन हिमाचल लग्न, परिश्रम एंव बुलंद हौसलों के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हिमाचल आज दूसरे पहाड़ी राज्यों के लिए विकास का आदर्श का मॉडल बनकर उभरा है। वर्ष 2023 में हिमाचल ने गम्भीर प्राकृतिक आपदा का सामना किया। इससे उबरने के लिए प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से आपदा राहत पैकेज वितरित किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ की घटनाओं से हमें जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस वर्ष भी आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए हमारी सरकार ने विशेष राहत पैकेज का प्रावधान किया है, जिसमें राहत राशि को 25 गुणा तक बढ़ाया गया है। हिमाचल के विकास में हमारे कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही है इसलिए हमारी सरकार ने कर्मचारियों से किए अपने वायदे को पूरा करते हुए पहली मंत्रिमंडल बैठक में कर्मचारियों के लिए ओपीएस शुरू की।

उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए ई-टैक्सी योजना शुरू हुई, जिसमें ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत अभी तक 75 लाभार्थियों को अनुदान राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने पर बल दे रही है। इसके तहत, निजी भूमि पर 100 से 500 किलोवाट तक के सौर संयंत्र लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए पहल करते हुए, हिमाचल दूध खरीद पर समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है। सरकार द्वारा पशुपालकों को गाय के दूध पर 51 रुपये और भैंस के दूध पर 61 रुपये प्रति लीटर समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। आज कार्यक्रम शिमला में हो रहा है बागवानी विकास के क्षेत्र में शिमला जिला ने प्रदेश में अपनी पहचान बनाई है तथा शिमला जिला अपने सेब उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। 

उन्होंने बताया कि सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब उत्पादकों की सभी देनदारियों का भुगतान के लिए 153 करोड़ जारी किए। जिसमे पिछली भाजपा सरकार की 90 करोड़ रुपये की देनदारी भी शामिल है। किसानों और बागवानों को सेब कीटनाशकों और उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी को पिछली भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इसे बहाल कर दिया है। कांग्रेस की राज्य सरकार ने सेब के समर्थन मूल्य में 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की ऐतिहासिक वृद्धि की है, जिससे सेब का समर्थन मूल्य अब 12 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली को लागू किया गया है, जिससे बागवानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिल सके। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला प्रदेश का अहम जिला है। शिमला शहर में 1734.70 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है, जिसकी लम्बाई 13.79 किलोमीटर होगी। यह परियोजना स्वीकृति के अंतिम चरण पर है और अगामी सालों में इसे जमीनी हकीकत में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यह परियोजना 4 साल में पूरी हो सकेगी। इसके अतिरिक्त शिमला शहर में 50 करोड़ रुपये की लागत के 19 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बन रहे है, जिसमें लिफ्ट और एस्कलेटर इत्यादि शामिल हैं। जाखू मंदिर में एस्केलेटर की सुविधा प्रदान की है और आने वाले समय मे ही जाखू मंदिर सौदर्यकरण योजना शुरू करेगें।

उन्होंने बताया कि शिमला शहर को शुद्ध पानी देने के लिए व्यापक योजनाओं पर काम चल रहा है। सतलुज नदी से शिमला को पानी देने के लिए 587 करोड़ रूपये की योजना तैयार है और इसी महीने इसकी टेस्टिंग शुरू की जाएगी, जबकि शिमला शहर के भीतर 24 घण्टे पानी देने लिए 872 करोड़ रूपये की योजना पर काम चल रहा है जिसे 2028 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ठियोग क्षेत्र के लिये प्रदेश की सबसे बड़ी कुरपण खड्ड पेयजल परियोजना का निर्माण कार्य लगभग 315 करोड़ की लागत से युद्ध स्तर पर जारी है। इस पेयजल परियोजना को जून, 2026 तक लोगों को समर्पित किया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिला शिमला में विभिन्न क्षेत्रों के लिये 819 करोड़ रुपये की 236 योजनाएं स्वीकृत हुई है, जिसमें अब तक कुल 706.87 करोड़ रुपये धनराशि खर्च की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि सड़के हमारी भाग्य रेखाएं कही जाती है और एचआरटीसी इन पर जीवन रेखा की तरह कार्य कर रही है। प्रतिदिन लाखों यात्री एचआरटीसी की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। निगम राज्य के कोने-कोने तक अपनी पहुंच बनाकर जनता को सुविधा प्रदान कर रहा है। इसी के दृष्टिगत हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बेड़े को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाते हुए 1000 नई बसों को चरणबद्ध रूप से निगम में शामिल करने का फैसला लिया गया है, जिसमें 33 नई वोल्वो बसें एचआरटीसी बेड़े में शामिल हो चुकी हैं। कबिले जिक्र है कि हिमाचल में पहली सरकार है जो 1000 बसों का फ्लीट बदल रही है इससे पूर्व कभी भी ऐसा नहीं हुआ। इसमें 327 इलेक्ट्रिक बसें, 250 डीजल बसें और 100 मिनी बसों की खरीद प्रक्रिया भी प्रगति पर है। 297 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए आपूर्ति आदेश जारी कर दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है, प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए लगभग 110 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। 

उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने बीते डेढ़ वर्षों के भीतर राजस्व अर्जन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विभाग ने रिकॉर्ड 16 महीनों की अवधि में कुल 1236 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह प्रदेश सरकार के नीतिगत फैसलों की उपलब्धि, विभाग की पारदर्शी, सुधारात्मक और दक्ष कार्य प्रणाली का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दो ऑटोमेटिड टैस्टींग स्टेशन जिला हमीरपुर व ऊना मे लगाये जा रहे है। जिससे लोगों को गाडियों की पासिंग में टैक्नोलजी के माध्यम से होगी सरकार ट्रैफिक पार्क एवं वहान स्क्रेपिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश में इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प है व इस दिशा में सरकार द्वारा इलैक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए 06 ग्रीन कॉरिडोर पर 129 स्थानों पर 88 पेट्रोल पंप व 23 चार्जिंग स्टेशन लगा रही है।

 उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में घायलों की मदद के लिए “राहवीर योजना“ के तहत घायल लोंगों को अस्पताल पहुचाने वाले नागरिकों को सरकार द्वारा 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने लोगों से दुर्घटनाओं में घायल लोगों की बढ़चढ़ कर मदद करने का आवाहन भी किया। उन्होंने बताया कि रोपवे के क्षेत्र में ग्रामीण कनेक्टिविटी के अंतर्गत 800 मीटर लम्बे बगलामुखी रोपवे को जनता को समर्पित किया गया। यह परियोजना 54 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हुई है। आपदा के दौरान यह रोपवे राहत सामग्री, राशन, दवाएं और स्थानीय निवासियों को लाने ले जाने का एकमात्र साधन बना।

उन्होंने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से कुल्लू (ढालपुर)-पीज रोपवे परियोजना, जिसकी कुल लंबाई 1.20 किलोमीटर है और परियोजना लागत रूपए 80 करोड़ है, भी एक महत्वपूर्ण योजना है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाबा बालकनाथ मंदिर रोपवे परियोजना की लागत 65 करोड़ है। बिजली महादेव रोपवे का निर्माण 278.62 करोड़ रुपये से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त माता चिंतपूर्णी मंदिर रोपवे का निर्माण 76.50 करोड़ रुपये से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग में जिन जल रक्षकों ने 31-12-2024 तक 12 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके 1356 लोगों को पंप अटेंडेड बनाया गया। इससे पहले 184 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट बनाया था। इस तरह 1570 लोगों को विभाग ने तरक्की दी। इसी तरह परिवहन क्षेत्र में पहली दफा भर्ती पब्लिक सर्विस कमीशन से हुई और 357 लोगों को कण्डक्टर के पर पर नौकरी मिली।

नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बनाई जा रही 4,025 हैक्टेयर वाली फिना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना, जिसकी संशोधित अनुमानित लागत ₹ 643.68 करोड़ है, के लिए वर्ष 2025-26 में 313.86 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसी तरह ऊना जिले के वीत क्षेत्र में 75 करोड़़ की खेत सिंचाई योजना का भी मंजूरी हासिल की गई। मंड़ी के धर्मपुर और इसके आसपास की 14 योजनओं की लम्बित 144 करोड़ रुपए की राशि को भी केंद्र से हासिल करने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन का बकाया 1200 करोड़ केंद्र से हासिल करने का हम प्रयास कर रहे है। न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति परियोंजना के तहत 745 करोड़ की लागत से 24 ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पेयजल उननयन एंव आजीविका परियोजना के तहत 1062.72 करोड़ की लागत से वर्ष 2000 से पूर्व निर्मित 186 पेयजल आपूर्ति योजनाओं का संवर्धन व पुननिर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत जिला शिमला स्थित अटल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सुपर स्पेशलिटी में अस्पताल से की गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले गए हैं और इनमें छह-छह विशेषज्ञ डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। 20 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस सुविधा प्रदान की जा रही है। आईजीएमसी शिमला में नये कैंसर अस्पताल भवन और ट्रॉमा सेंटर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। आईजीएमसी और टांडा चिकित्सा महाविद्यालयों में पेट स्कैन की सुविधा शुरू की गई है। प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में 185 डॉक्टरों, 130 स्टाफ नर्स, 67 लैब तकनीशियन, 45 फार्मासिस्ट और 61 ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट के पद भरे गए हैं। उन्होंने बताया कि सहकारिता क्षेत्र में प्रदेश की 1789 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं भारत सरकार द्वारा कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्र ने चयन कर सहयोग किया है।  

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों, प्राचीन मंदिरों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण व विकास के लिए कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हिमाचल के मंदिरों के जीर्णोद्धार, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं अन्य कार्यों पर प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही हैं। जिसमें श्री चिंतपूर्णी, बाबा बालक नाथ तथा श्री नैना देवी, श्री चामुण्डा धाम आदि प्रसिद्ध है। शिमला के मॉल रोड स्थित ऐतिहासिक बैंटनी कैसल के जीर्णोद्धार के कार्य को पूरा करवाकर लोकार्पण किया गया। हिमाचल के इतिहास को दर्शाने के लिए बैंटनी कैसल में दृश्य व श्रव्य कार्यक्रम (लाइट एंड साउंड शो) आम जनता के लिए शुरू किया गया है। इस भवन के जीर्णोद्धार पर लगभग 25 करोड़ रूपये की लागत आई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में, विशेषकर युवाओं में, नशे की बढ़ती आदत गंभीर चिन्ता का विषय है। इस सामाजिक बुराई के कारण हमने कई बहुमूल्य जीवन खोए हैं। हमारी सरकार ने नशे के आदि व्यक्तियों के उपचार, पुनर्वास और नशे सहित संगठित अपराध को रोकने के लिए विधेयक पारित किए हैं, जिनमें नशा तस्करों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख तक जुर्माना, संपत्ति जब्त करने का प्रावधान, उनके पुनर्वास एवं आजीविका सहायता सहित विभिन्न प्रावधान शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पीआईटी एनडीपीएस एक्ट को कड़ाई से लागू किया गया है। इसके तहत 42 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है और 70 तस्करों की संपत्ति चिन्हित कर अब तक 44 तस्करों को हिरासत में लिया गया है। प्रदेश सरकार ने नशे पर अंकुश लगाने के लिए स्पेशल टास्क फाॅर्स का गठन कर 13 पुलिस थानों को भी अधिसूचित किया है। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में पुलिस विभाग द्वारा नशे के विरूद्व व्यापक अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत जिला में चिट्टा तस्कर गिरेह की धरपकड़ जारी है। प्रदेश सरकार फिरोती, किडनेपिंग व गेंगस्टर संस्कृति को कूचल कर रहेगी और डिजिटल अपराधों पर नियंत्रण कसा जा रहा है।

वीरभद्र की प्रतिमा का जल्द होगा लोकार्पण

उन्होंने बताया कि आधुनिक हिमाचल के निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर स्थापित कर दी गई है जिसका जल्द ही लोकार्पण किया जायेगा। 

रहवीर योजना के तहत सम्मानित किये मददगार नागरिक

मुख्यातिथि ने राहवीर योजना के तहत किये गए सराहनीय, साहसिक एवं आदर्श सामाजिक कार्य के लिए अमित चौहान और मनोज कुमार, जोकि जिला उत्तरकाशी, उत्तराखंड से संबंध रखते हैं, को दुर्घटना में घायल लोगों की सहायता करने पर प्रशस्ति पत्र दिए। भारी बारिश से हुए भूस्खलन की वजह से मार्ग बाधित होने के कारण यह दोनों समारोह में शामिल न हो पाए। इनका सम्मान आरटीओ शिमला अनिल शर्मा ने प्राप्त किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों वाले प्रतिभागियों को किया सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान जवाहर लाल नेहरू राजकीय ललित कला महाविद्यालय लोहारब बनुटी की टीम ने देशभक्ति पर आधारित शास्त्रीय नृत्य, जयेश्वरी सांस्कृतिक दल जैस ठियोग ने महासुवी नाटी, सम्भोता तिब्बतन स्कूल ने तिब्बतन नृत्य, राजकीय महाविद्यालय धामी की टीम ने सोलन का गिद्धा और राजकीय कन्या महाविद्यालय की टीम ने किन्नौरी नाटी की प्रस्तुति दी जिनका लोगों ने खूब लुत्फ़ उठाया। उपमुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। 

आसमान में छोड़े गुब्बारे

इसके पश्चात, उपमुख्यमंत्री ने चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत इन योजनाओं का सन्देश देते गुब्बारे आसमान में छोड़े। 

यह भी रहे उपस्थित 

इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विधायक शिमला शहरी हरीश जनारथा, विधायक ठियोग कुलदीप सिंह राठौर, विधायक रोहड़ू मोहन लाल ब्राक्टा, उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम केहर सिंह खाची, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल, उपाध्यक्ष हिमुडा यशवंत छाजटा, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक देवेंदर श्याम, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, पार्षदगण, सचिव जल शक्ति विभाग राखिल काहलों, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी, निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग रीमा कश्यप, सैन्य अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे। 

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