Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2023 07:02 PM

मानसूत्र सत्र के तीसरे दिन विधानसभा का घेराव करने और अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए राज्य के कोविड वाॅरियर्ज यहां पहुंचे और उनकी सेवाओं को निरंतर जारी रखने और स्वास्थ्य विभाग में बनाई गई सरकारी संस्थाओं (सोसायटीज) में उन्हें मर्ज...
शिमला (संतोष): मानसूत्र सत्र के तीसरे दिन विधानसभा का घेराव करने और अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए राज्य के कोविड वाॅरियर्ज यहां पहुंचे और उनकी सेवाओं को निरंतर जारी रखने और स्वास्थ्य विभाग में बनाई गई सरकारी संस्थाओं (सोसायटीज) में उन्हें मर्ज करने की मांग उठाई है। हिमाचल प्रदेश रियल कोविड वाॅरियर्ज यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष अंजलि भारद्वाज ने कहा कि जब पूरे देश व प्रदेश में कोविड महामारी के डर से लोग अपने घर से भी बाहर नहीं निकल पाते थे तो उस समय हमें सेवा प्रदान करने का अवसर मिला। हम सभी कर्मचारियों ने अपने परिवार की भी परवाह न करते हुए पूरे तन-मन से मरीजों को सेवाएं दीं। उस समय तो उनके द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना करते रहे, उन्हें भगवान का रूप माना गया तथा उनके ऊपर हैलीकॉप्टर से फूलों तक की बौछार कर इन सभी को सम्मानित किया गया लेकिन जैसे-जैसे कोविड काल खत्म होता गया वैसे-वैसे उनकी सेवाओं को भुलाया जाने लगा तथा उनकी नौकरी खतरे में आती गई।
लिखित रूप में ही शर्त लेकर मानेंगे कर्मी : अंजलि
अंजलि भारद्वाज ने कहा कि कोविड कर्मियों ने पहली और 2 सितम्बर को सचिवालय के पास रैली निकाली थी तो उस समय मुख्यमंत्री ने उन्हें यह कहकर आश्वासन दिया था कि वे अपना मांग पत्र स्वास्थ्य मंत्री को दें और हमें 3-4 दिनों का समय दिया तथा यह कहा गया कि इस बारे में कुछ हमारे पक्ष में सोचा जाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसलिए वे बुधवार को फिर से प्रदेश भर से एक रैली के माध्यम से अपने विचारों को रखने आए हैं और लिखित रूप में आश्वासन लेकर ही मानेंगे।
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