Edited By Vijay, Updated: 30 Jul, 2024 06:27 PM
जिला एवं सत्र न्यायधीश कंवर चिराग भानू सिंह की अदालत ने हत्या के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने रमेश पुत्र बलदेव राज निवासी गांव चनारड़ी, डाकघर भराड़ीघाट, तहसील अर्की व जिला सोलन को...
बिलासपुर (विशाल): जिला एवं सत्र न्यायधीश कंवर चिराग भानू सिंह की अदालत ने हत्या के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने रमेश पुत्र बलदेव राज निवासी गांव चनारड़ी, डाकघर भराड़ीघाट, तहसील अर्की व जिला सोलन को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए उसे कठोर आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी चंद्रशेखर भाटिया ने बताया कि 15 सितम्बर, 2018 को प्रभारी पुलिस चौकी नम्होल को सूचना मिली कि ब्रह्मपुखर स्थित बीओ कार्यालय के प्रांगण में एक मृत व्यक्ति का शव पड़ा है, जिसे शॉल से ढका हुआ है। मामले की जांच बरमाणा थाना प्रभारी सुभाष चंद ने की, जिसमें पता चला कि मृतक दौलत राम पुत्र नोराता राम निवासी गांव काथला, डाकघर जयनगर, तहसील अर्की व जिला सोलन को 14-15 सितम्बर, 2018 की रात को 4 आरोपियों रमेश कुमार, राजेंद्र उर्फ राजू कुमार, राम पाल और महेंद्र सिंह ने मारपीट का शिकार बनाया।
जांच में खुलासा हुआ कि इन चारों आरोपियों ने दौलत राम पर आरोप लगाया कि उसने ट्रक का टायर फाड़ दिया और ट्रक का 80-90 लीटर तेल भी कम है। इसके बाद आरोपियों ने उसे ब्रह्मपुखर की ओर स्थित कहलूर भोजनालय के पास लोहे की रॉड और लात-घूंसों से पीटा। उसके बाद उसे गाड़ी में डालकर कोलतार प्लांट दयोथ के पीछे ले जाकर फिर से मारपीट की और उसकी लाश को नग्न अवस्था में वन खंड अधिकारी ब्रह्मपुखर के प्रांगण में फैंक दिया।
पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ 3 दिसम्बर, 2018 को अदालत में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष ने 46 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने कोई भी गवाह पेश नहीं किया। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद केवल रमेश को दोषी ठहराया, जबकि अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
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