हत्या और नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के दोषी को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Edited By Vijay, Updated: 22 Sep, 2022 08:15 PM

court sentenced the guilty of murder and molesting minor girl

विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) जिला मंडी की अदालत ने हत्या और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोप सिद्ध होने पर दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि 18 जून, 2020 को...

मंडी (रजनीश): विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) जिला मंडी की अदालत ने हत्या और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोप सिद्ध होने पर दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि 18 जून, 2020 को पीड़िता ने अपना बयान प्रभारी कमलकांत के पास कलमबद्ध करवाया कि 17 जून, 2020 की रात को उसके पिता, चाचा व आरोपी शराब पीकर करीब 12 बजे उसके घर आए। उस समय पीड़िता व उसका भाई अपने कमरे में सोए थे लेकिन आरोपी बार-बार उनके कमरे का दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहा था। इस पर उनके पिता आरोपी को बार-बार रोक रहे थे और उन्हें डिस्टर्ब न करने को कह रहे थे। सुबह करीब 3-4 बजे पीड़िता को अपने पिता की आवाज नहीं सुनाई दी तो उसने उनके मोबाइल पर कॉल की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस दौरान आरोपी के जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने से दरवाजे की कुंडी खुल गई और आरोपी ने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की। उसके बाद दोनों भाई-बहन अपनी चाची के कमरे में सोने चले गए। सुबह करीब 5 बजे चाची ने पीड़िता को जगाया और बताया कि उसके पिता अपने कमरे में खून से लथपथ पड़े हैं। इसके बाद वे उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डाॅक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस थाना सुंदरनगर में दोषी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। मामले की छानबीन पूरी होने पर थाना अधिकारी सुंदरनगर द्वारा मामले का चालान अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 34 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए थे। उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन लोक अभियोजक विनय वर्मा और वर्तमान लोक अभियोजक चानन सिंह द्वारा की गई। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी सुभाष चंद निवासी तहसील मनाली जिला कुल्लू को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कठोर कारावास और 10000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। धारा 354-ए के तहत 3 साल के कठोर कारावास और 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई तथा जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 3 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। इसके अलावा पोक्सो अधिनियम की धारा 8 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 3 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।

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