Edited By Vijay, Updated: 25 Oct, 2019 11:15 PM
मुख्य न्यायिक जिला दंडाधिकारी सिरमौर ने फिरौती मांगने से संबंधित एक मामले में 3 मुजरिमों जगतार सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी गांव पातलियों पांवटा साहिब, शैला वर्मा पत्नी रमेश कुमार निवासी कसुम्पटी शिमला व हरविंद्र सिंह पुत्र इंद्रजीत सिंह निवासी...
नाहन: मुख्य न्यायिक जिला दंडाधिकारी सिरमौर ने फिरौती मांगने से संबंधित एक मामले में 3 मुजरिमों जगतार सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी गांव पातलियों पांवटा साहिब, शैला वर्मा पत्नी रमेश कुमार निवासी कसुम्पटी शिमला व हरविंद्र सिंह पुत्र इंद्रजीत सिंह निवासी गुरुनानकपुरा जगाधरी हरियाणा को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 3 साल का साधारण कारावास व प्रत्येक मुजरिम को 4,500 रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न देने की सूरत में मुजरिमों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक जिला न्यायवादी रुमिंद्र बैंस ने बताया कि मामला 2015 का है। जब ददाहू के एक व्यापारी ने उक्त मुजरिमों के खिलाफ तत्कालीन ए.एस.पी. विनोद धीमान को शिकायत पत्र सौंपा था। व्यापारी ने शिकायत में बताया था कि शैला नामक महिला ने उससे संपर्क किया और उससे कहा कि पांवटा स्थित अपना मकान बेचना चाहती है। दोनों के बीच 9 लाख रुपए के बीच सौदा तय हुआ लेकिन शैला व 2 अन्य मुजरिमों ने एक सोची समझी साजिश के तहत व्यवसायी को बयाना देने के बहाने कालाअंब में होटल का एक कमरा बुक करके बुलाया। जब वादी उनसे मिलने कालाअंब पहुंचा तो 2 अन्य व्यक्ति कमरे में आए और व्यवसायी के कपड़े उतारकर मारपीट भी की।
इसके बाद मुजरिमों ने व्यवसायी को कार में बिठाया और नाहन की ओर चल पड़े। रास्ते में डराने लगे और जमटा क्षेत्र में उसे गाड़ी से उतारकर चले गए। इस बीच उन्होंने व्यवसायीसे 18,000 रुपए भी छीन लिए। सहायक जिला न्यायवादी ने बताया कि मुजरिमों ने व्यवसायी को जान से मारने की धमकियां भी दीं। बाद में उन्होंने व्यवसायी व उसके बेटे को फोन करके 20 लाख रुपए की मांग की और कहा कि न देने की सूरत में झूठे मुकद्दमे में फंसाएंगे।
रुमिंद्र बैंस ने बताया कि उस वक्त एएसपी ने योजना बनाकर उनको फिरौती देने के बहाने मारकंडा पुल पर बुलाया और महिला समेत अन्य व्यक्ति को मौके पर ही धरदबोचा था। इस मामले में तीसरे मुजरिम हरविंद्र सिंह ने स्वयं थाना में आकर सरैंडर किया था। उन्होंने बताया कि अदालत ने मुजरिमों को तथ्यों के आधार पर सजा सुनाई है।