Edited By prashant sharma, Updated: 28 Sep, 2020 01:55 PM
केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि सुधार कानून के खिलाफ जहां किसान संगठन देश भर में आंदोलन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने भी कृषि कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शिमला (योगराज) : केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि सुधार कानून के खिलाफ जहां किसान संगठन देश भर में आंदोलन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने भी कृषि कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में कांग्रेस पार्टी ने रिज महात्मा गांधी की प्रतिमा से राजभवन तक पैदल मार्च किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कानून को वापिस लेने की मांग की। कांग्रेस ने धारा 144 को तोड़ते हुए रिज मैदान में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पार्टी के झंडे भी लहराये। राष्ट्रपति ने भी संसद पारित तीनों बिलों पर हस्ताक्षर कर दिये हैं जिससे अब वह कानून बन गए हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि इस बिल के खिलाफ किसान पूरे देश में सड़कों पर है। भाजपा की निरकुंश सरकार के इस अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने भी हस्ताक्षर कर दिए है, जिससे किसानों का भविष्य खतरे में है। देश जब आजाद हुआ था तब देश में अन्न बाहर से आयात किया जाता था। कांग्रेस की नीतियों के कारण 1965 में एपीएमसी एक्ट के तहत मण्डिया बनाई गई। जिससे किसान आत्मनिर्भर बना और हम देश से बाहर भी अन्न के निर्यात करने लगे। लेकिन अब सरकार ने इस बिल से मंडियां व न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म कर दिया है। आज इस काले कानून को लेकर सरकार किसानों के हित पूंजीपतियों को बेच रही है। आज देश की सरकार अम्बानी, अडानी और रिलायंस चला रही है। सभी सार्वजनिक उपक्रमो को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। जिसका कांग्रेस विरोध करती है।
इस बिल के खिलाफ कांग्रेस 2 अक्टूबर को पूरे देश मे ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे व 10 को किसानों का सम्मेलन किया जाएगा। जिससे सरकार को इस काले कानून को वापिस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा के सहयोग दल भी भाजपा की हकीकत को समझ रहे हैं तभी अकाली दल ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया है और आने वाले समय में भाजपा का अस्तित्व खतरे में पड़ने वाला है अन्य दल भी जल्द भाजपा को छोड़ देंगे।