Edited By Vijay, Updated: 30 Oct, 2025 04:26 PM

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिहार चुनाव में पुरानी पैंशन योजना (ओपीएस) का दांव चलते हुए इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर हिमाचल की तर्ज पर यह योजना बहाल करने का वायदा किया है।
शिमला (सौरभ/राक्टा): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिहार चुनाव में पुरानी पैंशन योजना (ओपीएस) का दांव चलते हुए इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर हिमाचल की तर्ज पर यह योजना बहाल करने का वायदा किया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह वायदा केवल चुनावी लाभ के लिए नहीं, बल्कि राहुल गांधी की उस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए है, जिसका उद्देश्य लोगों की जीवनशैली को बदलना है।
चुनाव प्रचार के लिए बिहार पहुंचे सुक्खू ने वीरवार को राजधानी पटना में एक प्रैस कॉन्फ्रैंस करते हुए राज्य की मौजूदा एनडीए सरकार के 20 वर्षों के शासनकाल में विकास न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में 64 प्रतिशत लोग प्रतिदिन केवल 66 रुपए पर जीवन यापन करते हैं। उन्होंने दुख जताया कि बिहार, जिसके पास एक बड़ा पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता थी, उसे एनडीए सरकार ने दयनीय स्थिति में छोड़ दिया है। सुक्खू ने कहा कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय जहां लगभग 87,000 रुपए है, वहीं हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2.57 लाख है। उन्होंने बिहार में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया।
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए सुक्खू ने बताया कि हिमाचल में प्रथम चरण में 2 लाख 87 हजार महिलाओं को 1500 रुपए दे रहे हैं व दूसरे चरण में भी 1500 देने की तैयारी है। हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है। इसके चलते राज्य शिक्षा गुणवत्ता की रिपोर्ट में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि उनकी सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर मोड़ने की पहल की है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस दौरान कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
इंडिया गठबंधन के चुनावी वायदे
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इंडिया गठबंधन सरकार बनने पर बिहार के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की।
- आम नागरिकों को 25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य उपचार प्रदान किया जाएगा।
- हर माह महिलाओं, विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को 2500 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
- स्वरोजगार और उच्च शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए बढ़ावा दिया जाएगा।
- हिमाचल की तरह किसानों और पशुपालकों के लिए दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा।