CM सुखविंदर सिंह ने मंडी व कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए केंद्र से मांगे 1400 करोड़

Edited By Vijay, Updated: 31 May, 2023 06:39 PM

cm sukhvinder singh met from union finance minister

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने मंडी व कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 1400 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए जाने की मांग की है। इसके तहत मंडी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए व कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार के लिए 400 करोड़...

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने मंडी व कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 1400 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए जाने की मांग की है। इसके तहत मंडी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए व कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार के लिए 400 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाने की संस्तुति 15वें वित्तायोग की तरफ से की गई है। इस धनराशि के उपलब्ध होने से ही यह कार्य सिरे चढ़ पाएगा। उन्होंने गत सायं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई मुलाकात में यह मामला उठाया। उन्होंने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेल परियोजना को 100 फीसदी केंद्रीय वित्त पोषण की मांग की या फिर बैरी तक विस्तार के दृष्टिगत राजस्व सांझा करने की प्रणाली की संभावना तलाशने का आग्रह किया। 

प्रदेश को उदार वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने की उठाई मांग 
मुख्यमंत्री विशेष रूप से अपने अधिकारियों की टीम के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने दिल्ली पहुंचे थे, जिसमें उन्होंने प्रदेश को उदार वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने की मांग की है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से ऋण लेने की सीमा घटाने और मैचिंग ग्रांट रोकने संबंधी मामला भी उठाया गया। उन्होंने बाह्य वित्त पोषण के लिए आर्थिक मामलों के विभाग की तरफ से संस्तुतित 6 प्रस्तावों के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर भी मौजूद थे।

क्या हैं प्रदेश के मौजूदा आर्थिक हालात 
मौजूदा समय में प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब है। इस समय राज्य पर करीब 76000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके अलावा सरकार को अभी कर्मचारियों व पैंशनर्ज की करीब 10000 करोड़ रुपए की एरियर व डीए की देनदारियां चुकानी हैं। ऐसी स्थिति के बीच राज्य को पहले लिए गए कर्ज को वापस भी लौटाना है, जिसमें 61000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि 10 वर्ष के भीतर चुकानी है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की तरफ से कर्ज लेने की सीमा को घटाने एवं मैचिंग ग्रांट रोके जाने से परेशानी बढ़ेगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मामले की केंद्र सरकार के समक्ष पैरवी की है। 

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