CPS नियुक्ति मामले पर बयानबाजी को लेकर CM सुक्खू ने जयराम को घेरा, कही ये बड़ी बात

Edited By Vijay, Updated: 23 Jun, 2024 03:38 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीपीएस की नियुक्ति का मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस केस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं कि सीपीएस हट रहे हैं।

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीपीएस की नियुक्ति का मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस केस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं कि सीपीएस हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री सुक्खू रविवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर बताएं कि उन्हें कैसे पता कि कोर्ट क्या फैसला सुनाने वाला है। सीपीएस की नियुक्ति नियमों के अनुरूप हुई है और सरकार अपना पक्ष कोर्ट में रख चुकी है। 

भाजपा के 9 विधायकों ने विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाई
इसके साथ ही सीएम ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान भाजपा के 9 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन की अवमानना की थी। प्रदेश में इतिहास में ये भी पहली बार हुआ था, जब विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सदन में पेपर फाड़ कर विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाई। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के 9 विधायकों को नोटिस दिए थे, जिसका जवाब भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केस में भी टिप्पणी नहीं की जा सकती है, क्योंकि मामला विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में लंबित है।

...तो भी आना कांग्रेस सरकार के पास ही पड़ेगा
सीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ये समझ परे है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे क्यों दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत सरकार है, जो अपने 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी, ऐसे में निर्दलीय पूर्व विधायक जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैे, वे यदि जीत भी जाते तो उन्हें काम के लिए तो कांग्रेस सरकार के पास ही आना पड़ेगा।

विपक्ष में भाजपा के साथ ही बैठ जाते
सीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में हो रहे 3 उपचुनावों पर कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता की कुर्सी हथियाने के लिए नोटों का इस्तेमाल किया है। ये भी इतिहास में पहली बार हुआ, जब आजाद प्रत्याशी इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में उनसे पूछा जाना चाहिए कि जब जनता ने 5 वर्ष के लिए विधायक बनाकर भेजा था तो इस्तीफा देने की नौबत क्यों पड़ी। यदि सरकार काम नहीं कर रही तो पक्ष के साथ न चलकर सदन में भाजपा के साथ ही निर्दलीय विधायक के तौर पर बैठकर अपनी बात उठा सकते थे।
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