Edited By Rahul Singh, Updated: 03 Aug, 2024 11:58 AM
आपदा की स्थिति में सरकारी तौर पर मदद से पहले मौके पर सूझबूझ और सहायता की आवश्यकता होती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। पार्वती वैली के चौहकी गांव के छपे राम नेगी ऐसी शख्सियत हैं जिसे लोग, पुलिस रेस्क्यू ऑप्रेशन के लिए...
कुल्लू: आपदा की स्थिति में सरकारी तौर पर मदद से पहले मौके पर सूझबूझ और सहायता की आवश्यकता होती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। पार्वती वैली के चौहकी गांव के छपे राम नेगी ऐसी शख्सियत हैं जिसे लोग, पुलिस रेस्क्यू ऑप्रेशन के लिए सबसे पहले याद करते हैं। कोई जंगल में पहाड़ियों में फंसा हो या कोई नदी में गिर गया हो तो उसे बचाने के लिए सभी सबसे पहले छपे राम को याद करते हैं। छपे राम भी अपनी टीम के साथ साजो-सामान लेकर तुरंत पहुंच जाते हैं और काम में जुट जाते हैं।
बीते रोज तड़के जब मलाणा नाले में बादल फटने से तबाही मची तो मलाणा प्रोजेक्ट से सुरक्षा कमी ने छपे राम नेगी को सूचना दी। उसके बाद नेगी ने अपनी टीम की फोन किए और सभी रेस्क्यू के लिए निकल पड़े। नेगी ने इंखरा, जरी, भुंतर, पंडोह व मंडी तक लोगों को फोन किए और ब्यास व पार्वती नदी के करीब न जाने को कहा। नेगी सोशल प्लेटफॉर्म पर भी आए और लोगों को आगाह किया। इस प्रकार नेगी ने कई जानें बचाई। उसके बाद नेगी और उनकी टीम के लोग मलाणा प्रोजैक्ट में बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एन. डी. आर.एफ. टीम के साथ भी रहे।
हर रैस्क्यू ऑप्रेशन में रहते हैं आगे
कहीं कोई आपदा हो या कोई पर्यटक ट्रैकर जंगलों में रास्ता भूल जाए तो उसे रेस्क्यू करने के लिए पुलिस की टीमें नेगी को अपने साथ लेकर जाती है। नेगी घाटी की पहाड़ियों, जगलों व पगहंडियों से वाकिफ हैं।
यह भी पढ़ें- मां चिंतपूर्णी मेले में कैसी रहेंगी व्यवस्थाएं, जानिए क्या होंगे दिशा-निर्देश
होटल कारोबार से जुड़े नेगी ने अब तक हजारों पर्यटकों को ट्रैकिंग करवाई है। इसलिए उन्हें रैस्क्यू ऑप्रेशन का अनुभव है। नेगी कहते हैं कि उन्हें भी अच्छा लगता है जब उन्हें किसी की मदद के लिए बुलाया जाता है या लोग उन्हें मदद के लिए याद करते हैं।