मां चिंतपूर्णी मेले में कैसी रहेंगी व्यवस्थाएं, जानिए क्या होंगे दिशा-निर्देश

Edited By Rahul Rana, Updated: 03 Aug, 2024 09:53 AM

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मां चिंतपूर्णी का प्रसिद्ध श्रावण अष्टमी मेला 5 अगस्त से 14 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में आयोजित किया जाएगा। इस मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

ऊना। मां चिंतपूर्णी का प्रसिद्ध श्रावण अष्टमी मेला 5 अगस्त से 14 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में आयोजित किया जाएगा। इस मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

क्या रहेगी ​व्यवस्था।

श्रावण अष्टमी मेले के दौरान मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा, हालांकि साफ-सफाई और श्रृंगार के लिए कुछ समय ​आयोजन के लिए मंदिर क्षेत्र को दस सेक्टरों में बांटा गया है और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और होमगार्ड के जवानों सहित त्वरित कार्य बल की टीमें तैनात रहेंगी। मेले के दौरान यातायात को सुचारू रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, और प्लास्टिक और थर्मोकोल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस मेले में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को संबंधित एसडीएम से लंगर लगाने की अनुमति प्राप्त करनी​ होगी। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई है, जिसके लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी होगी।

श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश

श्रद्धालुओं को मेले के दौरान प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। इनमें स्वच्छता बनाए रखना, प्लास्टिक और थर्मोकोल का उपयोग न करना, यातायात नियमों का पालन करना और किसी भी प्रकार की अनहोनी की स्थिति में प्रशासन के निर्देशों का पालन करना शामिल है। मां चिंतपूर्णी का श्रावण अष्टमी मेला, धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जो हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। प्रशासन द्वारा की गई विशेष तैयारियों और दिशा-निर्देशों का पालन कर, श्रद्धालु इस मेले का आनंद और मां चिंतपूर्णी के आशीर्वाद का लाभ उठा सकते हैं।​

सुरक्षा व्यवस्था

मेले के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को दस सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सेक्टर में पुलिस और होमगार्ड के जवानों सहित त्वरित कार्य बल की टीमें तैनात रहेंगी। इसके अलावा, किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पुलिस का कमांडो दस्ता भी गठित किया गया है। सभी सेक्टरों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटा जा सके। व्यवस्था मेले के दौरान यातायात की सुगमता बनाए रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। भारी वाहनों के मंदिर परिसर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, जिससे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की यातायात समस्या न हो। इसके अलावा, ढोल नगाड़े, चिमटा और लाउडस्पीकर आदि बजाने पर भी प्रतिबंध रहेगा, जिससे शांति और अनुशासन बनाए रखा जा सके।

मेले की विशेषताएं

श्रावण अष्टमी मेले का आयोजन मां चिंतपूर्णी के विशेष धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यह मेला श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है, जहां वे मां के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं।  इसके साथ ही, मेले के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जो श्रद्धालुओं के मनोरंजन और धार्मिक अनुभव को और भी विशेष बनाते हैं।

मां चिंतपूर्णी का मेला उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है।

मां चिंतपूर्णी का श्रावण अष्टमी मेला, जो उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। इस मेले की तैयारियों के लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और मेले का आयोजन सफलतापूर्वक हो सके।

 

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