प्रदेश में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले, पुलिस विभाग ने जारी की ये एडवाइजरी

Edited By Simpy Khanna, Updated: 12 Oct, 2019 12:18 PM

cases of cybercrime are increasing in the state

राज्य में लगातार सामने आ रहे साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए पुलिस विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसके माध्यम से पुलिस विभाग ने लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया कि वे किस तरह से सावधानियां बरतते हुए शातिर आरोपियों के जाल में फंसने से बच...

शिमला (राक्टा) : राज्य में लगातार सामने आ रहे साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए पुलिस विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसके माध्यम से पुलिस विभाग ने लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया कि वे किस तरह से सावधानियां बरतते हुए शातिर आरोपियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं। चालू वर्ष के तहत ही प्रदेश पुलिस को अब तक साइबर अपराध की 1,500 शिकायतें मिल चुकी हैं जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां साइबर क्राइम से जुड़े शातिर कितने सक्रिय हैं।

पुलिस विभाग ने जारी एडवाइजरी के तहत कहा कि कोई भी व्यक्ति विक्रेताओं को अपनी अनुपस्थिति में क्रैडिट व डैबिट कार्ड से भुगतान करने की अनुमति न दे। इसके साथ ही अनधिकृत लेन-देन के मामले में संबंधित बैंक शाखा में 48 घंटे के भीतर डिस्प्यूट फार्म भरें। जब भी ए.टी.एम., दुकानों, शॉपिंग मॉल व पैट्रोल पम्प आदि में क्रैडिट व डैबिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो खुले तौर पर पिन दर्ज न करें। ए.टी.एम. के कार्ड स्लॉट की जांच करें। यदि बैंक खाते से अनधिकृत पैसा निकल जाए तो इस संदर्भ में बैंक व पुलिस को तुरंत सूचित करें। अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिए इंटरनैट बैंकिंग के ऑटो मोड को अक्षम करें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि टोल फ्री नंबर कभी भी कॉल बैक नहीं करता है। ग्राहक को स्वयं टोल फ्री नंबर पर कॉल करनी होती है। एस.पी. कानून एवं व्यवस्था डा. खुशहाल शर्मा ने बताया कि कुछ सावधानियां बरत कर साइबर ठगी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी की है।

आंखें मूंदकर न करें भरोसा

ओ.एल.एक्स. और अन्य शॉपिंग साइटों पर दिए गए सेना कर्मियों के दस्तावेजों पर भरोसा न करें क्योंकि सेना के जवान कभी भी अपने सेना कार्ड व दस्तावेज सांझा नहीं करते हैं। वैवाहिक साइटों और अन्य सामाजिक साइटों पर लोगों द्वारा दी गई जानकारी पर भरोसा न करें। गूगल खोज पर उपलब्ध शिकायत हैल्पलाइन नंबर, पोर्टल व ग्राहक सेवाओं पर आंख बंद करके भरोसा न करें। धोखाधड़ी करने वाले बीमा कंपनी, पैट्रोल पम्प, टैलीकॉम टावर अधिकारी, बैंक ऋण विभाग व विदेशी वीजा के एजैंट के रूप में कॉल करते हैं। इस प्रकार की कॉल और मेल पर भरोसा न करें। 

क्या न करें

ओ.टी.पी. और ए.टी.एम. पिन किसी के साथ सांझा न करें। व्हाट्स एप और अन्य सोशल मीडिया एप्लीकेशन के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने डैबिट व क्रैडिट कार्ड का विवरण सांझा न करें। अपने मोबाइल, लैपटॉप, पी.सी. व टैब आदि में अपने डैबिट व क्रैडिट कार्ड का विवरण व पिन आदि न रखें। जब आप कुरियर के माध्यम से डैबिट कार्ड व पिन प्राप्त करते हैं तो अपने डैबिट कार्ड के साथ गुप्त पिन न रखें।

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