Edited By prashant sharma, Updated: 28 Feb, 2021 11:26 AM
हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में बी.पी.एल. चयन प्रक्रिया का मामला विधानसभा में गूंजेगा। इस मामले को विपक्ष नहीं बल्कि सत्तापक्ष के विधायक द्वारा विधानसभा में उठाया जाएगा।
डाडासीबा (सुनील) : हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में बी.पी.एल. चयन प्रक्रिया का मामला विधानसभा में गूंजेगा। इस मामले को विपक्ष नहीं बल्कि सत्तापक्ष के विधायक द्वारा विधानसभा में उठाया जाएगा। ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न को लेकर ग्राम पंचायत सचिवों ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। विधायक द्वारा बी.पी.एल. चयन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी मांगी गई है कि पंचायत के अंदर बी.पी.एल. परिवारों का कुल लक्ष्य कितना था तथा वर्तमान में चयनित परिवारों की कुल संख्या क्या है? विधायक द्वारा बी.पी.एल. मुक्त ग्राम पंचायतों की संख्या भी पूछी गई है। विधायक रमेश धवाला ने वर्ष 2018 से वर्ष 2020 तक जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा है। इसमें पूछा गया है कि इन वर्षों के भीतर बी.पी.एल. सूची से कितने अपात्र परिवारों को ग्राम सभा या शिकायत तथा जांच के आधार पर डी.सी. या एस.डी.एम. के आदेशों से हटाया गया है। बीते 3 वर्षों में बी.पी.एल. सूची में अपात्र परिवारों के चयन के मामले में दोषी पाए गए कर्मचारियों तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की संख्या कितनी है तथा इनके विरुद्ध सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? वर्तमान में लंबित शिकायतों की संख्या कितनी है, यह प्रश्न भी विधायक द्वारा विधानसभा में उठाया जाएगा। विधायक द्वारा बीपीएल परिवारों से संबंधित मांगी गई जानकारी पंचायत सचिव खंड कार्यालय को उपलब्ध करवाएंगे जिसे संकलित कर प्रदेश के समस्त विकास खंड अधिकारी सरकार को प्रेषित करेंगे।