Edited By Vijay, Updated: 02 Jan, 2025 08:45 PM
दिसम्बर माह में नगर परिषद नाहन में उपजे राजनीतिक घटनाक्रम पर उस वक्त विराम लग गया जब भाजपा समर्थित 2 पार्षदों ने यू-टर्न ले लिया।
नाहन (आशु): दिसम्बर माह में नगर परिषद नाहन में उपजे राजनीतिक घटनाक्रम पर उस वक्त विराम लग गया जब भाजपा समर्थित 2 पार्षदों ने यू-टर्न ले लिया। दोनों पार्षदों ने न केवल नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर पर भरोसा जताया, बल्कि एक बार पुनः अपना समर्थन भी वापस दे दिया है। अध्यक्ष से नाराज चल रहे भाजपा समर्थित पार्षद नगर परिषद उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल ने वीरवार को इस संबंध में एडीएम सिरमौर एलआर वर्मा को एक पत्र सौंपा, जिसमें वर्तमान अध्यक्ष श्यामा पुंडीर को पुनः समर्थन वापस देने की बात कही गई है।
अध्यक्ष के खिलाफ 7 पार्षदों ने डीसी सिरमौर को सौंपा था पत्र
दरअसल भाजपा समर्थित इन 2 पार्षदों के बाद कांग्रेस के 5 पार्षदों ने भी डीसी सिरमौर को अध्यक्ष के खिलाफ पत्र सौंपा था। 13 पार्षदों वाली नाहन नगर परिषद के 7 पार्षदों की ओर से अध्यक्ष के खिलाफ खोले गए मोर्चे के बाद जिला प्रशासन के निर्देशों पर एसडीएम नाहन की ओर से 4 जनवरी को बैठक भी बुलाई गई है, लेकिन इससे पहले ही भाजपा समर्थित पार्षदों और अध्यक्ष के बीच चल रहा मनमुटाव दूर होने के बाद माना जा रहा है कि सांसद सुरेश कश्यप की बहन और वर्तमान भाजपा समर्थित नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर की कुर्सी बच गई है, ऐसे में प्रशासन 4 जनवरी को पार्षदों की बुलाई गई बैठक को रद्द कर सकता है। उधर, एडीएम सिरमौर एलआर वर्मा ने दोनों भाजपा समर्थित पार्षदों द्वारा पत्र सौंपे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि आगामी कार्रवाई को लेकर संबंधित पत्र डीसी सिरमौर के समक्ष रख जाएगा।
राजीव बिंदल के हस्तक्षेप के बाद थमा विवाद
उधर सूत्रों की मानें तो भाजपा समर्थित 2 पार्षदों और अध्यक्ष के बीच उपजे इस विवाद पर लगाम लगाने में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल सूत्रधार बने हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद ही दोनों पार्षदों ने यू-टर्न लिया है। लिहाजा भाजपा समर्थित नगर परिषद पर छाए संकट के बादल बिंदल के डैमेज कंट्रोल से छंटते हुए नजर आ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि गत 17 दिसम्बर को भाजपा समर्थित नगर परिषद में उस वक्त सियासी घमासान मच गया था जब उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल ने अध्यक्ष श्यामा पुंडीर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उनसे अपना समर्थन वापस लेने संबंधी पत्र डीसी को सौंपा था। इसी बीच अगले दिन 18 दिसम्बर को कांग्रेस के 5 पार्षदों ने भी अध्यक्ष के खिलाफ डी.सी. को पत्र सौंप दिया। भाजपा समर्थित दोनों पार्षदों की नाराजगी का एक कारण भाजपा मंडल अध्यक्ष पद पर नगर परिषद अध्यक्ष के पति की ताजपोशी भी बताया गया। बहरहाल कारण चाहे कुछ भी रहे हों, लेकिन दोनों ही पार्षदों के यू-टर्न से यह तय है कि नगर परिषद पर भाजपा का ही कब्जा रहेगा।
पार्षदों को साथ लेकर करूंगी कार्य : अध्यक्ष
उधर नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने जारी एक बयान में कहा कि अध्यक्ष पद पर कार्य करते मेरे साथी पार्षद जो मेरे आदरणीय हैं और मुझसे नाराज चल रहे थे, उनके साथ बैठक कर मैंने नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। अध्यक्ष ने कहा कि वह विश्वास दिलाती हैं कि अपनी कार्यशैली में अतिशीघ्र सुधार करते हुए सभी पार्षदों को साथ लेकर कार्य करेंगी, ताकि शहर का विकास बेहतर तरीके से किया जा सके।
क्या कहते हैं एसडीएम
एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने बताया कि फिलहाल भाजपा समर्थित दोनों पार्षदों की ओर से नगर परिषद अध्यक्ष को पुनः समर्थन देने संबंधी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। 4 जनवरी को समस्त पार्षदों की बैठक बुलाई गई है, लेकिन यदि दोनों पार्षदों ने अध्यक्ष को समर्थन वापस दे दिया है तो इस सूरत में संबंधित बैठक रद्द की जा सकती है।
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