Shimla: भाजपा नेता रणधीर शर्मा ने घेरी सुक्खू सरकार, बोले-विधानसभा में 14 पदों पर चहेतों को बांटी नौकरियां

Edited By Vijay, Updated: 04 Feb, 2025 06:21 PM

bjp leader randhir sharma surrounded sukhu government

भाजपा मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं विधायक रणधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 पदों पर चहेतों को नौकरियां बांटने का आरोप लगाया है।

शिमला (कुलदीप): भाजपा मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं विधायक रणधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 पदों पर चहेतों को नौकरियां बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नौकरियां मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्रों में बांटी गई है। रणधीर शर्मा यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विधानसभा में की गई इन नियुक्तियों को रद्द करने एवं नए सिरे से पदों को विज्ञाप्ति करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा संभव नहीं है कि 3 ही विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार पात्रता रखते हो। उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरियों की यह बंदरबांट उन युवा बेरोजगारों के हितों से खिलवाड़ है, जिनको कांग्रेस ने सरकारी क्षेत्र में 5 लाख पक्की नौकरी देने की गारंटी दी थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए, ताकि पात्र युवा बेरोजगारों को भर्ती होने का अवसर मिल सके।

भाजपा विधायकों की प्राथमिकताएं सिरे चढ़ने पर झूठ बोल रहे मुख्यमंत्री
रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भाजपा विधायकों की प्राथमिकताएं सिरे चढऩे पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मीडिया के माध्यम से जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, वह तथ्यों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना सही नहीं है कि सिराज विधानसभा क्षेत्र में 172.44 करोड़ रुपए, श्री नयनादेवी जी में 124 करोड़ रुपए, करसोग में 127 करोड़ रुपए, सुंदरनगर में 82 करोड़ रुपए, नाचन में 45 करोड़ रुपए, जोगिंद्रनगर में 50 करोड़ रुपए, मंडी में 33 करोड़ रुपए और जसवां प्रागपुर में 173 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा विधायकों की तरफ से दी गई अधिकांश योजनाओं की या तो डीपीआर ही नहीं बनी है, यदि डीपीआर बनी है तो वह नाबार्ड तक नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इसके प्रमाण प्रस्तुत करने चाहिए, क्योंकि यह चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने नाबार्ड को पत्र लिखकर संशोधित सूची के अनुसार स्वीकृति प्रदान को कहा है।

समग्र शिक्षा अभियान से दिया जा रहा वेतन
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशक का गत 20 जनवरी को जारी एक पत्र सामने आया है, जिसमें शिक्षक व गैर-शिक्षक स्टाफ को जनवरी और फरवरी माह का वेतन समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा के ऊपर व्यय होने वाली केंद्रीय राशि का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि इस बार केंद्रीय करों से 11,207 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मिली है। इसके अलावा अलग-अलग मदों में केंद्र सरकार की तरफ से उदार वित्तीय मदद मिली है, लेकिन 2 वर्ष में 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठाने वाली सरकार को आज वेतन और पैंशन देने के लाले पड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सीपीएस मामले, चहेतों को कैबिनेट रैंक देने तथा मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन उसके पास विकास के लिए धन नहीं है।
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