Edited By Vijay, Updated: 29 Nov, 2024 12:34 PM
बहुचर्चित कुल्लू के भूतनाथ डबललेन पुल को बडे़ वाहनों के लिए बहाल करने को लेकर फ्रांस की कंपनी फिर संभावनाएं तलाशेगी। हालांकि एक साल से इस पुल को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोलकर ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है।
कुल्लू (गौरीशंकर): बहुचर्चित कुल्लू के भूतनाथ डबललेन पुल को बडे़ वाहनों के लिए बहाल करने को लेकर फ्रांस की कंपनी फिर संभावनाएं तलाशेगी। हालांकि एक साल से इस पुल को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोलकर ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है। बडे़ वाहनों की आवाजाही के लिए पुल सुरक्षित हो सकता है या फिर इसे ठीक करने के लिए क्या तरकीब ढूंढी जा सकती है, इसे लेकर कंपनी के इंजीनियर और डिजाइनर संभावनाएं तलाशेंगे, ऐसे में पुल का अध्ययन करने के लिए कंपनी के इंजीनियर कुल्लू पहुंच चुके हैं और अब डिजाइनर का इंतजार है। जानकारी है कि एक-दो दिन में डिजाइनर भी कुल्लू पहुंच जाएंगे और पुल का अध्ययन शुरू किया जाएगा।
ज्वाइंट के पास पिल्लर देने से बदल गया पुल का व्यवहार
हालांकि पहले भी फ्रांस की इसी कंपनी को पुल ठीक करने का कार्य दिया गया था और लंबी जद्दोजहद के बाद कंपनी ने अपनी तकनीक से पुल को ठीक करने का कार्य किया परंतु वह कंपनी की तकनीक में फिट नहीं बैठ पाया, जिसके चलते आखिर में पुल के ज्वाइंट के पास पिल्लर देना पड़ा। इसके बाद पुल का व्यवहार पूरी तरह से बदल गया है। इसे बड़े वाहनों के लिए सुरक्षित नहीं माना जा रहा था। एक साल पहले पुल को छोटे वाहनों के लिए बहाल करने का निर्णय लिया था और इसे एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। अब कंपनी के इंजीनियर और डिजाइनरों के अध्ययन के बाद पता चलेगा कि यह पुल बडे़ वाहनों की आवाजाही के लिए सुरक्षित है या नहीं।
5 साल बाद ही करना पड़ा था बंद
10 करोड़ रुपए की लागत के इस पुल का निर्माण पूरा होने के 5 वर्ष बाद ही इसे वाहनों के लिए बंद करना पड़ा था। उसके बाद से पुल को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। पुल का शिलान्यास 11 मई, 2005 को हुआ था। हालांकि इस पुल के निर्माण का लक्ष्य 2008 तक रखा गया था परंतु ठेकेदार की ढील के कारण पुल का निर्माण कार्य 2013 में पूरा हुआ। ऐसे में यह पुल 8 वर्ष बाद बनकर तैयार हुआ परंतु लोकार्पण के 5 वर्ष बाद वर्ष 2017 दिसम्बर से पुल को बडे़ वाहनों के लिए बंद कर दिया गया।
वर्ष 2023 से ऑब्जर्वेशन पर रखा है पुल
भूतनाथ पुल वर्ष 2017 के आखिरी में बीच से झुक गया और दोनों छोर में दरारें पड़ गईं। दरारें पड़ने और झुकने के बाद असुरक्षित घोषित किए गए पुल को ठीक करने के लिए सरकार की ओर से 2 करोड़ 68 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया और इसे ठीक करने का कार्य फ्रांस की नोएडा बेस्ड एमएस फ्रेंसिनेट मेनार्ड कंपनी को दिया गया। करीब 2 वर्ष बाद भी कंपनी उसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर पाई। आखिर में जब पुल का ट्रायल हुआ तो वह असुरक्षित पाया गया जिसके चलते वर्ष 2023 से पुल को ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है।
राजनीतिक पालने में भी झूला पुल
डबललेन भूतनाथ पुल पिछले 5 वर्षों में राजनीति का केंद्र बना रहा। भाजपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस पुल को लेकर एक-दूसरे को खूब घेरा। यहां तक कि कांग्रेस नेताओं ने इस पुल की अर्थी बनाकर शवयात्रा भी निकाली थी जिसे पुल पर ही जला दिया गया था।
क्या कहते हैं अधिकारी
लोक निर्माण विभाग के एक्सियन बीसी नेगी ने बताया कि भूतनाथ पुल को एक वर्ष से ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है जिसके चलते अब कंपनी के इंजीनियर यहां पहुंच गए हैं और डिजाइनर आने वाले हैं जो पुल का अध्ययन करेंगे कि एक वर्ष में इसके व्यवहार में कितना बदलाव आया है। उसके आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा।
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