Edited By Vijay, Updated: 12 Oct, 2024 05:20 PM
पड़ोसी जिला सोलन के साथ-साथ प्रदेश की राजधानी शिमला को जोड़ने वाले नैशनल हाईवे (एनएच 907ए) नाहन-कुमारहट्टी पर 5 ऐसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं, जहां हमेशा भूस्खलन का खतरा बना रहता है।
नाहन (आशु): पड़ोसी जिला सोलन के साथ-साथ प्रदेश की राजधानी शिमला को जोड़ने वाले नैशनल हाईवे (एनएच 907ए) नाहन-कुमारहट्टी पर 5 ऐसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं, जहां हमेशा भूस्खलन का खतरा बना रहता है। नाहन से कुमारहट्टी तक 78 किलोमीटर के हाईवे पर इन पांचों स्थानों पर वाहन चालकों को संभलकर चलने की जरूरत है, क्योंकि यहां अक्सर पहाड़ से मलबा या चट्टाने गिरने की संभावना बनी रहती है। लिहाजा इन संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन के कारणों का पता लगाने के लिए हाल ही में भूगर्भ वैज्ञानिकों की एक टीम ने संबंधित स्थानों का निरीक्षण किया। अब जल्द ही यह टीम सरकार को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
दरअसल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला के निर्देशानुसार भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग चंडीगढ़ के वैज्ञानिकों की एक टीम ने नाहन पहुंचकर पहले एडीएम सिरमौर एलआर वर्मा के साथ इस विषय में बैठक की। इस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक डब्ल्यू. कोरमे ने किया। उसके बाद टीम ने नाहन से कुमारहट्टी तक भूस्खलन की दृष्टि से चयनित अति संवेदनशील 5 स्थानों जांगीरूग, दोसड़का, सनारी, नैनाटिक्कर (साधनाघाट) व कुमारहट्टी के समीप भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने यहां पहाड़ों और भूमि के सैंपल भी लिए, ताकि भूस्खलन के कारणों का पता चल सके, साथ ही इसकी रोकथाम को लेकर भी उचित कदम उठाए जा सकें।
बता दें कि गत वर्ष और इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान उपरोक्त हाईवे पर नाहन से कुमारहट्टी तक विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन की गतिविधियां देखी गईं। उसके बाद सरकार के दिशा-निर्देशों पर ही यह टीम संबंधित स्थानों का निरीक्षण करने के लिए यहां पहुंची। इस टीम के साथ नोडल अधिकारी के रूप में राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय नाहन से एसडीओ सूर्यकांत सेमवाल व प्रशासन की तरफ आपदा प्रबंधन सिरमौर प्रभारी राजन कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।
जिला राजस्व अधिकारी सिरमौर चेतन चौहान ने कहा कि हाल ही में भू-वैज्ञानिकों की 2 सदस्यीय टीम ने नाहन-कुमारहट्टी हाईवे पर मुख्य भूस्खलन प्रभावित 5 स्थानों का बारीकी से निरीक्षण किया है। संबंधित स्थानों पर पहाड़ों, भूमि, पत्थर व मिट्टी की जांच करके सैम्पल लिए हैं। विस्तृत निरीक्षण करने के बाद अब यह टीम समस्या के समाधान के लिए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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