गजब! शिक्षा मंत्री के अपने ही गांव के स्कूल की सच्चाई, 10वीं की परीक्षा में सभी छात्र फेल, गोद लिए स्कूल का भी बुरा हाल

Edited By Jyoti M, Updated: 19 May, 2025 04:33 PM

amazing the truth of the school in the education minister s own village

हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन में जुटी सरकार के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के गृह जिले शिमला में उनके ही गांव के स्कूल का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम बेहद निराशाजनक रहा है। कोटखाई जुब्बड़ के पौटा (धार) स्थित...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन में जुटी सरकार के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के गृह जिले शिमला में उनके ही गांव के स्कूल का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम बेहद निराशाजनक रहा है। कोटखाई जुब्बड़ के पौटा (धार) स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में इस साल दसवीं कक्षा के सभी छह छात्र फेल हो गए हैं। यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि स्कूल प्रशासन के अनुसार, पिछले दो वर्षों से विद्यालय में गणित का शिक्षक नहीं था। यह विडंबना ही है कि जिस शिक्षा मंत्री पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी है, उनके अपने ही गांव के स्कूल के बच्चे बिना गणित शिक्षक के पढ़ाई करने को मजबूर थे और अंततः सभी परीक्षा में असफल रहे।

इसके अतिरिक्त, एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुब्बल, जिसे स्वयं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गोद लिया था, वहां का परिणाम भी संतोषजनक नहीं रहा। इस स्कूल के दसवीं कक्षा के 20 छात्रों में से आधे यानी 10 छात्र परीक्षा में पास नहीं हो सके। यह स्कूल रोहित ठाकुर के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री राम लाल ठाकुर के नाम पर है। ऐसे में, सरकार और विशेषकर शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

पौटा धार स्कूल के प्रिंसिपल सुनील ने बताया कि उनके विद्यालय में पिछले दो साल से गणित का अध्यापक छुट्टी पर चल रहा है, जिसके कारण छात्रों की गणित की पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं हो पाई। उन्होंने स्पष्ट रूप से शिक्षक की अनुपस्थिति को छात्रों के खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण बताया।

वहीं, जुब्बल स्कूल के प्रिंसिपल केशव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में छात्रों के फेल होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। दूसरी ओर, कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल का परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा। इस स्कूल की 19 छात्राओं में से 8 परीक्षा में असफल रहीं। कन्या स्कूल की प्रिंसिपल नरेंद्र चौहान ने  निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बेहतर परिणाम की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इन विपरीत परिणामों के बीच, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रदेश के उन सभी स्कूलों से रिपोर्ट तलब की है जिनका परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहा है। यह कदम निश्चित रूप से आवश्यक है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या मंत्री अपने गृह क्षेत्र के स्कूलों की दुर्दशा से अनजान थे, खासकर जब एक स्कूल को उन्होंने स्वयं गोद लिया था।

गौरतलब है कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में दसवीं कक्षा का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 79.08 रहा है। कांगड़ा की साइना ठाकुर ने 99.43% अंकों के साथ पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। उनके पिता राम लाल ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। रोहित ठाकुर का अपना बेटा शिमला के एक प्रतिष्ठित और महंगे निजी स्कूल में पढ़ता है। 
 

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