Edited By Kuldeep, Updated: 21 Jun, 2025 08:14 PM

प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 100 विद्यार्थियों पर एक प्रवक्ता नियुक्त करने के फैसले पर शिक्षक संगठन भड़क गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने नई शिक्षा नीति के विपरीत यह निर्णय लिया है।
शिमला (प्रीति): प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 100 विद्यार्थियों पर एक प्रवक्ता नियुक्त करने के फैसले पर शिक्षक संगठन भड़क गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने नई शिक्षा नीति के विपरीत यह निर्णय लिया है। इसके तहत 60 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक अनिवार्य है। सरकार केंद्र की ओर से किए गए प्रावधानों में बदलाव कर रही है। एक शिक्षक द्वारा 100 विद्यार्थियों को पढ़ाना मुश्किल है। हिमाचल स्कूल प्रवक्ता संघ, हिमाचल राजकीय अध्यक्ष संघ सहित कई संगठनों ने इसका विरोध किया है। प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष अजय नेगी एवं प्रांतीय प्रैस सचिव राजन शर्मा का कहना है कि सरकार एक ओर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर 100 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक तैनात करने जैसे तर्कहीन फैसले ले रही है।
क्या एक शिक्षक 100 छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकता है? यह प्रस्ताव किसी भी दृष्टिकोण से व्यावहारिक या तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि एक प्रवक्ता की कक्षा में 100 विद्यार्थी होंगे तो वह कैसे प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत ध्यान दे पाएगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। संघ की समस्त प्रदेश व जिला कार्यकारिणी ने इसका विरोध किया है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि 100:1 का अनुपात तय करना, नीति की भावना के विरुद्ध है और यह प्रवक्ताओं के सैंकड़ों पदों को समाप्त करने की सरकार की योजना है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय केवल कागजी आंकड़ों पर आधारित है और व्यावहारिक धरातल पर इसके गंभीर परिणाम होंगे।
सरकार व विभाग ऐसे फैसले न ले, जहां स्कूल खुले हैं, वहां तो पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध करवाए
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार को नई शिक्षा नीति के तहत पीटीआर रेशो तय करने का सुझाव दिया गया था, लेकिन सरकार ने 100 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक नियुक्त करने का फैसला लिया है, जो गलत है। उनका कहना है कि पहले सरकार जीरो और कम संख्या वाले स्कूलों को बंद या मर्ज कर रही है, लेकिन जो स्कूल खुले हैं, उनमें तो पर्याप्त शिक्षक दें। सरकार स्कूलों में 100 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक, 200 तक 2, 300 तक 3 और 400 विद्यार्थियों के लिए 4 शिक्षक नियुक्त करने का फैसले न ले।