Edited By Vijay, Updated: 03 Feb, 2024 10:46 PM

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को एम्स बिलासपुर में कैथ लैब व मशीनीकृत लॉन्ड्री का ऑनलाइन उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना चरण-5 के तहत 9 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत से एम्स बिलासपुर में डिजिटल...
बिलासपुर (विशाल): केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को एम्स बिलासपुर में कैथ लैब व मशीनीकृत लॉन्ड्री का ऑनलाइन उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना चरण-5 के तहत 9 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत से एम्स बिलासपुर में डिजिटल एंजियोग्राफी के साथ सिंगल प्लेन कार्डियोवास्कुलर कैथीटेराइजेशन की स्थापना की गई है। कैथ लैब नवीनतम विशिष्टताओं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ तकनीकी रूप से अत्यधिक उन्नत है। इस लैब की मदद से एम्स बिलासपुर में हृदय रोगियों को एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी/ स्टेंटिंग जैसी तत्काल जीवन रक्षक प्रक्रियाओं की सुविधा उपलब्ध होगी। हृदय रोग से पीड़ित रोगियों में पेसमेकर लगाने, बच्चों में हृदय दोष (हृदय में छेद) को डिवाइस से बंद करने जैसे इलाज अब एम्स बिलासपुर में संभव हो गए हैं।
कैथ लैब में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी यानी डीएसए जैसी उन्नत सुविधाएं हैं, जिनसे शरीर के विभिन्न अंगों की धमनियों की इंटरवैंशन की जा सकेगी। अभी तक हिमाचल प्रदेश में केवल 2 ही स्वास्थ्य संस्थानों आईजीएमसी शिमला व डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में ही हृदय रोगों का इलाज संभव था व अब एम्स बिलासपुर में भी यह सुविधा शुरू हो गई है। 4 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि से मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री एम्स बिलासपुर की एक और बड़ी उपलब्धि है। इस लॉन्ड्री में 290 किलोग्राम प्रति चक्र संयुक्त भार क्षमता के 4 संयंत्र हैं। यह लॉन्ड्री इंन्फैक्शन के खतरे को भी कम करेगी। इसमें पानी व ऊर्जा की भी बचत होगी।
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