प्रदेश स्तर की बैठक में तैयार हुआ कृषि विभाग का खाका

Edited By prashant sharma, Updated: 28 Sep, 2020 03:51 PM

agriculture department s blueprint prepared in state level meeting

कृषि विभाग की प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन बैठक सोमवार को आयोजित की गई ऊना जिला मुख्यालय से प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने तमाम जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कृषि विभाग की योजनाओं का खाका तैयार किया।

ऊना (अमित शर्मा) : कृषि विभाग की प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन बैठक सोमवार को आयोजित की गई ऊना जिला मुख्यालय से प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने तमाम जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कृषि विभाग की योजनाओं का खाका तैयार किया। वहीं योजनाओं के बारे में फीडबैक भी हासिल की। उन्होंने किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का आह्वान भी अधिकारियों से किया। इस मौके पर वीरेंद्र कंवर ने कृषि बिल को लेकर विपक्ष द्वारा किया जा रहे विरोध का बेमानी करार दिया। उन्होंने कहा कि 72 सालों तक किसानों को थक कर उन्हें आत्महत्याओं के लिए मजबूर करने वाले लोग आज उनके हक की बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर जहां विपक्ष को इस बिल का समर्थन करते हुए किसानों के हित की बात करनी चाहिए थी। वहीं समूचा विपक्ष बिचौलियों की भाषा बोल कर किसानों को फिर से ठगने और मौत के मुंह में धकेलने के प्रयासों में लगा हुआ है। 

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सोमवार को जिला मुख्यालय ऊना में प्रदेशभर के कृषि अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर विभागीय योजनाओं के बारे में फीडबैक हासिल की। इस दौरान कंवर ने कुछ अहम योजनाओं का खाका भी तैयार किया ताकि किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की कोशिशों को मूर्त रूप दिया जा सके। इस दौरान वीरेंद्र कंवर ने कृषि बिल पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों पर भी जमकर हमला बोला। कंवर ने कहा कि 72 साल के इतिहास में देश का किसान हमेशा ठगा गया है और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है। पहली बार एक ऐतिहासिक निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लिया है। जिसमें किसानों को पूरी छूट दी गई है कि वह अपनी सब्जी और अपने कृषि उत्पाद जो तैयार करते हैं। उसे पूरी आजादी रहेगी कि वह कहीं भी जाकर उनको बेच सकता है। साथ में यह भी प्रावधान किया है कि यदि किसान को लगता है कि एपीएमसी मंडियों में ही अपने उत्पाद को बेच सकता है तो सरकार उसे पूरा सहयोग देगी। 

सरकार द्वारा जो समर्थन मूल्य पहले प्रचलित है उसे अब भी जारी रखा जाएगा। मोदी सरकार चाहती है कि किसानों को उनकी फसल का का सही दाम मिलना चाहिए। किसान की आय दुगनी होनी चाहिए। लेकिन इस विधेयक से किसानों की आय दोगुनी नहीं बल्कि कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। आज किसान इस कृषि बिल की महत्ता को समझ रहे हैं। लेकिन बिचौलिए कांग्रेस और विपक्ष के साथ मिलकर खलल डाल रहे हैं। आज पूरा विपक्ष किसानों का प्रतिनिधित्व न करते हुए बिचौलियों की भाषा बोल रहा है। यदि सरकार को लगेगा कि इस विधेयक से किसान का कोई हित कम हो रहा है तो उसे समय अनुसार बदला भी जा सकता है। यदि कोई किसान किसी व्यापारी के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में जाना जाता है तो उसके लिए भी अलग से विधेयक लाकर प्रावधान किया जा सकता। जो कृषि बिल केंद्र की सरकार लेकर आई है उसके लिए हिमाचल प्रदेश की सरकार और हिमाचल प्रदेश के किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं।
 

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