Edited By Vijay, Updated: 21 Jun, 2022 10:56 PM
देश में अग्निपथ योजना को लाने के बाद पैंशन लेने वाले विधायक इसके आर्थिक फायदे गिनाने में जुटे हैं। सेना कोई मार्कीटिंग का मुद्दा नहीं है जिसे नेताओं द्वारा बताया जा रहा है। अग्निपथ योजना में नेता अपने बच्चों को क्यों नहीं भेज रहे हैं।
धर्मशाला (ब्यूरो): देश में अग्निपथ योजना को लाने के बाद पैंशन लेने वाले विधायक इसके आर्थिक फायदे गिनाने में जुटे हैं। सेना कोई मार्कीटिंग का मुद्दा नहीं है जिसे नेताओं द्वारा बताया जा रहा है। अग्निपथ योजना में नेता अपने बच्चों को क्यों नहीं भेज रहे हैं। मंगलवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज पंडित ने अग्निपथ योजना को हिंदुस्तान के इतिहास का काला फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनसंख्या भले ही कम है लेकिन सेना में भागीदारी के मामले में हिमाचल आगे है। प्रदेश में 1.50 लाख पूर्व सैनिक हैं जबकि वर्तमान में हिमाचल के 65 हजार युवा सेनाओं में सेवाएं दे रहे हैं।
मोदी के इशारे पर युवाओं पर मामले दर्ज कर रहे सीएम
पंकज पंडित ने कहा कि हिमाचल के युवा आर्मी भर्ती रद्द करने के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर इन युवाओं पर पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर मामले दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो साल पहले हुई सेना भर्ती को रद्द कर दिया गया, युवा उसी का विरोध कर रहे हैं। कोरोना के दो वर्ष में सरकार ने सेना भर्ती नहीं करवाई, जबकि देश के सबसे बड़े राज्य में सरकार ने चुनाव करवा दिए। अग्निपथ योजना के तहत सेना में 4 साल सेवाएं देने के उपरांत युवाओं का क्या भविष्य होगा, सरकार की क्या योजना है, इस बारे स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता 4 साल बाद इन अग्निवीरों के लिए जो काम बता रहे हैं उस पर उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
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