Edited By Vijay, Updated: 25 Dec, 2022 09:37 PM

हमीरपुर स्थित राज्य कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बिक्री मामले में आधा दर्जन गिरफ्तारियों के बाद विजीलैंस मामले की कड़ियां खंगाल रही है। रद्द हुई परीक्षा के पेपर बेचने के गोरखधंधे में कौन-कौन संलिप्त है, किसकी क्या भूमिका है इस राज को उगलवाने की...
हमीरपुर (ठाकुर): हमीरपुर स्थित राज्य कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बिक्री मामले में आधा दर्जन गिरफ्तारियों के बाद विजीलैंस मामले की कड़ियां खंगाल रही है। रद्द हुई परीक्षा के पेपर बेचने के गोरखधंधे में कौन-कौन संलिप्त है, किसकी क्या भूमिका है इस राज को उगलवाने की कोशिशें जारी हैं। विजीलैंस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इससे पहले भी क्या परीक्षाओं में पेपर बिके हैं, बिके हैं तो कितने लोगों को और किन-किन को बेचे गए हैं। सच जानने के लिए विजीलैंस ने देर रात मामले की मुख्य आरोपी महिला कर्मी उमा आजाद के घर की गहन तलाशी ली। महिला के घर से विजीलैंस जेओए आईटी के प्रश्न पत्र की एक जोड़ी सहित लगभग 8 लाख की नकदी भी बरामद हुई है। जांच अधिकारी एएसपी विजीलैंस रेणु शर्मा की अगुवाई में जांच दस्ते ने यह 7.90 लाख की बरामदगी देर शाम की है।
कहां से आया प्रश्न पत्र
आरोपी महिला के पास प्रश्न पत्र कहां से और कैसे आया यह पता लगाना विजीलैंस के लिए जरूरी है क्योंकि प्रश्नपत्र तो आयोग के सचिव के लैपटॉप में होता है और लैपटॉप उन्हीं की कस्टडी में रहता है। इस लैपटॉप से पेपर कैसे आरोपी महिला के पास पहुंचा इसलिए जांच अधिकारी उनसे भी पूछताछ कर सकते हैं। यह बात तो साफ हो चुकी है कि आरोपी महिला के लिए ग्राहक फांसने का काम अणु के कोचिंग सैंटर का मालिक संदीप शर्मा ही करता था।
ऐसे हुआ पेपर बिक्री का भंडाफोड़
पेपर बेचने के धंधे का भंडाफोड़ जिस युवक ने किया था, वह पहले तो पेपर खरीदना चाहता था लेकिन जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि यह गलत है और बहुत से लोगों के भविष्य से जुड़ा मामला है तो उसने इसका खुलासा करने का मन बना लिया। सूत्र बताते हैं कि उक्त युवक ने इस धंधे की जानकारी उपायुक्त कार्यालय को देनी चाही लेकिन उसे कोई उचित चैनल उपलब्ध नहीं हो पाया और जिसके बाद उसने विजीलैंस से संपर्क साधा और इसके बाद अढ़ाई लाख में पेपर बेचने का सौदा तय किया और फिर 5 हजार रुपए पेशगी देने का मामला सैट किया। इस प्रकार आरोपी महिला ट्रैप में फंसी।
मामले में पेंच ही पेंच
पेपर बेचने के मामले में जो महिला पकड़ी गई है वह शुरू से ही विवादित रही है लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बावजूद विवादित महिला की सीक्रेसी ब्रांच जैसी महत्वपूर्ण जगह पर नियुक्ति कैसे हो गई, यह भी जांच का विषय है। सूत्र बताते हैं कि उक्त महिला को आरक्षित कोटे के तहत नौकरी मिली है लेकिन उसके आरक्षण प्रमाणपत्र पर सवालिया निशान लगाते हुए किसी ने शिकायत की है और मामला अदालत में विचाराधीन है। यही नहीं, आरोपी महिला किसी मामले में पहले निलंबित भी रह चुकी है, इसके बावजूद उसे महत्वपूर्ण जगह पर नियुक्ति मिली, जांच दस्ता इसके बारे में भी तथ्यों का पता लगा रहा है कि ऐसा क्यों और किसके कहने पर किया गया है।
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