लाहौल-स्पीति में 200 सैलानी Rescue, 300 अभी भी फंसे

Edited By Ekta, Updated: 20 Aug, 2019 10:37 AM

200 tourist rescue at lahaul spiti

दुर्गम जिला लाहौल-स्पीति के छतरू और छोटा दर्रा से सोमवार को 200 से ज्यादा सैलानी रैस्क्यू किए गए। लेकिन अभी भी 300 के लगभग लोग चंद्रताल व बातल में टैंटों में शरण लिए हुए हैं। कुंजम दर्रे के पार लोसर गांव में भी 100 से अधिक पर्यटक व वाहन चालक शरण लिए...

मनाली (सोनू): दुर्गम जिला लाहौल-स्पीति के छतरू और छोटा दर्रा से सोमवार को 200 से ज्यादा सैलानी रैस्क्यू किए गए। लेकिन अभी भी 300 के लगभग लोग चंद्रताल व बातल में टैंटों में शरण लिए हुए हैं। कुंजम दर्रे के पार लोसर गांव में भी 100 से अधिक पर्यटक व वाहन चालक शरण लिए हुए हैं। इस मार्ग पर कुछ पर्यटक अपने वाहन छतड़ू में छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण लिए हुए हैं। मनाली-काजा मार्ग पर ग्राम्फू से 6 किलोमीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ है। 24 घंटे से अधिक वक्त से फंसे हुए कुछेक सैलानियों की तबीयत भी बिगड़ गई, लेकिन इनके कोकसर पहुंचते ही डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार देना शुरू किया और रैस्क्यू किए गए सभी सैलानियों को खाना भी खिलाया।  
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सरकारी रैस्ट हाऊस व गांव में ठहराए गए कुछ सैलानी

कुछ सैलानियों को छतरू व छोटा दर्रा के साथ लगते एक सरकारी रैस्ट हाऊस व गांव में ठहराया गया। रैस्क्यू किए गए सैलानियों को कोकसर से मनाली लाया जाएगा। इस रैस्क्यू अभियान में स्थानीय लोगों ने भी खूब मदद की है। सूत्रों की मानें तो खराब मौसम को देखते हुए हैलीकॉप्टर की मदद भी नहीं ली जा सकी। लगातार हो रही बर्फबारी से आज तीसरे दिन भी लेह-लद्दाख सहित काजा मार्ग बहाल नहीं हो पाया है। भूस्खलन व नालों में बाढ़ आने से जगह-जगह सैलानी व राहगीर फंसे हुए हैं। एक ओर ऊपरी क्षेत्रों में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है वहीं दूसरी ओर रोहतांग सहित बारालाचा और शिंकुला दर्रे में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। बी.आर.ओ. अवरुद्ध हुए मार्ग को बहाल करने में जुटा हुआ है, लेकिन मौसम बाधा बना हुआ है। 

उधर, अगस्त में ही शुरू हो गई बर्फबारी ने भेड़पालकों की जान आफत में डाल दी है। हालांकि लाहौल की समस्त घाटी बर्फ के फाहों से सराबोर हो गई है, लेकिन कुंजुम पास, लोसर, छोटा दड़ा, ग्राम्फू, बारालाचा, भरतपुर सिटी, पटसेउ, दारचा, शिंकुला, छिका रारिक, नेनगार, गवाड़ी, चोखंग, मयाड़ घाटी और पांगी घाटी में सैंकड़ों भेड़पालक अपनी भेड़-बकरियों के साथ डेरा डाले हुए हैं। रविवार आधी रात को गोंदला की पहाड़ी में 2 भेड़पालकों की आंख में बर्फ लग गई। पलचान के प्रधान सुंदर ठाकुर ने मनाली एस.डी.एम. अमित गुलेरिया और केलांग एस.डी.एम. अमर नेगी से संपर्क किया। एस.डी.एम. केलांग की मदद से दोनों भेड़पालकों को रैस्क्यू कर केलांग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मनाली की ओर से रोहतांग सहित ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिर रहे हैं।

पागलनाला में फंसे हैं सेना के 50 वाहन

लेह मार्ग बंद होने से सैलानी व राहगीर, वाहन चालक कोकसर, सिस्सु, दारचा व सरचू में फंसे हुए हैं। कोकसर के पास पागलनाला में आई बाढ़ से कोकसर में 50 से अधिक सेना के वाहन भी फंसे हुए हैं। लेह की ओर रसद लेकर जा रहे ट्रक भी जगह-जगह फंसे हुए हैं। कोकसर-केलांग मार्ग के बीच ही 400 से अधिक वाहन पिछले 3 दिन से मार्ग बहाली के इंतजार में हैं। 

मनाली-काजा मार्ग बहाली में लग सकते हैं 3 दिन

बी.आर.ओ. कमांडर ने बताया कि टीम मार्ग बहाली में जुटी हुई है लेकिन मौसम बाधा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि बी.आर.ओ. जिंगजिंगबार  व पटसेऊ सहित पागलनाला में सड़क बहाली कर रहा है। उन्होंने बताया कि मनाली-काजा मार्ग पर ग्रांफू से 6 किलोमीटर आगे भारी भू-स्खलन हुआ है। कमांडर ने बताया कि इस मार्ग को बहाल करने में 2 से 3 दिन लग सकते हैं। केलांग एस.डी.एम. अमर नेगी ने सैलानियों व राहगीरों से आग्रह किया कि वे मौसम के हालात सामान्य होने तक सुरक्षित स्थानों में ही रहें। उन्होंने बताया कि प्रशासन परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।

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