Edited By Vijay, Updated: 07 May, 2019 07:25 PM

जिला मंडी के उपमंडल सुंदरनगर के चर्चित नाबालिग छात्र मौत मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है। मामले में परिजनों द्वारा स्थानीय बाल आश्रम पर गंभीर आरोप लगाने को लेकर आश्रम के 2 पूर्व छात्रों ने व्हाट्स एप्प पर मैसेज कर आश्रम के पक्ष में अपना...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): जिला मंडी के उपमंडल सुंदरनगर के चर्चित नाबालिग छात्र मौत मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है। मामले में परिजनों द्वारा स्थानीय बाल आश्रम पर गंभीर आरोप लगाने को लेकर आश्रम के 2 पूर्व छात्रों ने व्हाट्स एप्प पर मैसेज कर आश्रम के पक्ष में अपना बयान भेजा है। उक्त दोनों पूर्व छात्र मनीष व प्रदीप ने कहा कि वह बाल आश्रम में काफी लंबे समय रहे और आश्रम अनाथ व असहाय बच्चों की सेवा में दिन-रात लगा है। उन्होंने कहा कि आज दिन तक बाल आश्रम से लगभग 550 बच्चे शिक्षा ग्रहण करके सरकारी व गैर-सरकारी पदों पर कार्यरत हैं व समाज मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

संस्थान के खिलाफ झूठा प्रचार करना सरासर गलत
उन्होंने कहा कि बाल आश्रम जिला मंडी के विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 450 गरीब कन्याओं को प्रति माह उनकी पढ़ाई को लेकर आर्थिक सहायता प्रदान करता है व समाज में गरीब असहाय लोगों के सहयोग के लिए हमेशा आगे रहता है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस की कार्रवाई पूरी होकर सामने नहीं आ जाती तब तक इस प्रकार से सोशल मिडिया आदि पर संस्थान के खिलाफ झूठा प्रचार करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि संस्थान का पक्ष भी समस्त जनता के सामने आना चाहिए और समाज में अफवाहों को नहीं फैलाया जाना चाहिए।
कई दिनों से बीमार था आश्रम में रहने वाला छात्र
उन्होंने कहा कि आश्रम में रहने वाला उक्त छात्र कई दिनों से बीमार था। उन्होंने कहा कि छात्र को मारा या पीटा नहीं गया था। उन्होंने कहा कि अगर छात्र को मारा या पीटा गया होता तो उसके शरीर पर निशान होते और मैडीकल जांच के समय कोई न कोई निशान सामने आने थे। पूर्व छात्रों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधायक राकेश जम्वाल, स्थानीय प्रसाशन व लोगों से अपील की है कि इस मामले में सभी पक्षों को ध्यान में रखकर ही उचित कदम उठाया जाए।