Edited By Vijay, Updated: 27 Sep, 2020 11:30 PM
नालागढ़ में एग्जीक्यूटिव आफिसर की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति न मिलने से 2 कोरोना पॉजिटिव परीक्षार्थियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। युवतियों का कहना है कि उन्हें एचपीपीएससी की ओर से पेपर देने की लिखित रूप में परमिशन थी लेकिन...
नालागढ़ (सतविन्द्र): नालागढ़ में एग्जीक्यूटिव आफिसर की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति न मिलने से 2 कोरोना पॉजिटिव परीक्षार्थियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। युवतियों का कहना है कि उन्हें एचपीपीएससी की ओर से पेपर देने की लिखित रूप में परमिशन थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें परमिशन न लेने की बात कहते हुए पेपर में नहीं बैठने दिया। युवतियों की ओर से परमिशन लैटर भी स्थानीय प्रशासन को दिखाया गया लेकिन उसमें केवल चंडीगढ़ प्रशासन को सूचित किया गया था, साथ ही उसकी प्रतिलिपि चंडीगढ़ एसडीएम को ही की गई है।
युवतियों का कहना है कि उन्होंने पहले हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के अधिकारियों को सूचित कर दिया था कि उन्हें कोरोना संक्रमण है, जिस पर अधिकारियों ने मेल से सूचित करने तथा उन्हें कॉल करने को कहा गया। दोनों अभ्यर्थियों ने कॉल करके कमीशन के अधिकारियों को सूचित किया। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे अपने परीक्षा केंद्र में समय पर पहुंच जाएं तथा उनके बैठने की व्यवस्था जिलाधीश की ओर से होगी।
आज जब ये दोनों युवतियां परीक्षा देने पहुंचीं तो उन्हें स्थानीय प्रशासन ने यह कह कर मना कर दिया कि उनके पास परीक्षा में बैठाने की परमिशन नहीं है, जिस पर दोनों युवतियां बैरंग वापस लौट गईं। युवतियों का कहना है कि उनके साथ धोखा हुआ है। पहले तो उन्हें चंडीगढ़ से यहां पर आना काफी कठिन रहा। चंडीगढ़ प्रशासन ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें आने की परमिशन दी और जब यहां तक पहुंचीं तो उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। उन्होंने हिमाचल सरकार से इस बारे में उचित कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि दोनों ही अभ्यर्थियों के बारे में आयोग की ओर से उनके पास कोई सूचना नहीं दी गई थी, जिसके चलते कोविड-19 के मरीजों को एहतियात के तौर पर आम लोगों के साथ परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। इन्होंने हमें सूचना नहीं दी बल्कि चंडीगढ़ प्रशासन को दी। इनके लिए अलग सैंटर नौणी में बनाया गया था।