Edited By Simpy Khanna, Updated: 05 Oct, 2019 06:25 PM
जिला में स्क्रब टाइफस का कहर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। मक्की की फसल की कटाई के समय कई लोग तेजी से स्क्रब टाइफस की चपेट में आ रहे हैं। वीरवार को स्क्रब टाइफस के 11 नए मामले सामने आए हैं। अस्पताल की लैब में 42 मरीजों के ब्लड सैंपल टैस्ट के लिए भेजे...
बिलासपुर (प्रकाश) : जिला में स्क्रब टाइफस का कहर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। मक्की की फसल की कटाई के समय कई लोग तेजी से स्क्रब टाइफस की चपेट में आ रहे हैं। वीरवार को स्क्रब टाइफस के 11 नए मामले सामने आए हैं। अस्पताल की लैब में 42 मरीजों के ब्लड सैंपल टैस्ट के लिए भेजे गए थे। ये सभी मरीज क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में उपचाराधीन हैं। जिला में अब तक 320 मामले स्क्रब टाइफस के पॉजिटिव आ चुके हैं जबकि इस बीमारी से जिला के झंडूता क्षेत्र की एक महिला की आई.जी.एम.सी. शिमला में उपचार के दौरान मौत को चुकी है। वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. परविंदर शर्मा ने बताया कि वीरवार को जिलाभर से 11 नए मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। पीड़ित मरीजों का उपचार क्षेत्रीय अस्पताल में चल रहा है।
ऐसे फैलता है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टाइफस एक संक्रामक बीमारी है जो प्राय: जानवरों में होने वाला मौसमी रोग है और मनुष्यों में आ जाता है। घास काटने गए या अन्य बाहरी कार्य के दौरान मनुष्य संक्रमित कीट द्वारा काटे जाने पर इस बीमारी से ग्रस्त हो सकता है। किसान, बागवान, खेतों या बगीचों में काम करने वाले मजदूर और अन्य कार्यों के लिए बाहर जाने वाले लोगों के इससे संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है। खेतों में पाए जाने वाले चूहे संक्रमण का मुख्य स्रोत हैं। स्क्रब टाइफस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता।
खेतों में हाथ-पैर ढक कर करें काम
स्क्रब टाइफस में तीव्र बुखार मुख्य लक्षण है। इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना व उल्टी होना इसके अन्य लक्षण हैं। कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं। चिकित्सकों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथों-पैरों को ढक कर रखना चाहिए। खेतों में काम करने के उपरांत नहाना चाहिए अथवा बाजुओं व टांगों को धोना चाहिए। घरों के आसपास घास को नहीं पनपने देना चाहिए।