Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Jan, 2018 01:21 PM
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में भाजपा विधायकों ने ज्यादा पैसा खर्च किया है।
शिमला: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में भाजपा विधायकों ने ज्यादा पैसा खर्च किया है। कांग्रेस के विधायकों ने औसत 11.80 लाख रुपए और भाजपा विधायकों ने 16 लाख 99 हजार रुपए चुनाव जीतने पर खर्च किए हैं। वहीं आजाद जीतकर आए 2 विधायक भी चुनावी खर्च में आगे हैं। इन्होंने औसत 16 लाख 94 हजार रुपए चुनावी खर्चा दर्शाया है। 68 विधायकों में से सबसे ज्यादा 25.84 लाख रुपए खर्च आनी से विधायक किशोरी लाल ने किया है। मंत्रियों में सबसे ज्यादा 24.59 लाख रुपए खर्चा कसौली से विधायकऔर सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री राजीव सहजल ने किया है। ए.डी.आर. संस्था द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक विधायकों में सबसे कम 3.89 लाख रुपए व्यय रोहड़ू के विधायक एम.एल. ब्राक्टा ने किया है। मंत्रियों में आई.पी.एच. एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सबसे कम 7.10 लाख रुपए चुनावी खर्च दर्शाया है।
28 लाख रुपए तक किया जा सकता था खर्च
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक प्रत्याशी अधिकतम 28 लाख रुपए तक का व्यय चुनाव में कर सकता है। सभी प्रत्याशियों को खर्च किए गए एक-एक पैसे का लेखा-जोखा चुनाव विभाग को देना होता है। प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की निगरानी को चुनाव विभाग ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र, जिला व राज्य स्तर पर दस्ते गठित कर रखे थे जो इनके खर्च पर पूरी नजर बनाए हुए थे। इन दस्तों को शैडो रजिस्टर में अलग से प्रत्याशियों के खर्च का आकलन करना होता है। दावा किया जा रहा है कि किसी भी प्रत्याशी या चुनाव जीतकर आए विधायक का खर्च तय सीमा से अधिक नहीं हुआ है। 25 विधायक ऐसे चुनकर आए हैं जिन्होंने निर्धारित सीमा का 50 फीसदी बजट भी खर्च नहीं किया है। यानी इन्होंने 14 लाख रुपए से भी कम खर्च दर्शाया है।
इन कार्यों पर खर्च हुआ पैसा
चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा 23 फीसदी बजट स्टार प्रचारकों की जनसभाओं पर खर्च किया गया है। स्टार प्रचारकों के अलावा अन्य पब्लिक मीटिंग पर 11 फीसदी, 22 फीसदी बजट प्रचार सामग्री छापने, 17 फीसदी खर्च वाहनों से प्रचार, 18 फीसदी व्यय चुनाव प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं पर और 6 फीसदी खर्च इलैक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर किया गया है। 17 विधायकों ने बताया है कि उन्होंने अपने वर्कर्ज पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया। इसी तरह 12 विधायकों ने पब्लिक मीटिंग, 8 विधायकों ने प्रचार सामग्री और 3 विधायकों ने वाहनों पर खर्च नहीं दर्शाया है। चुनकर आए 57 फीसदी विधायकों को पार्टी की तरफ से प्रचार के लिए पैसा मिला है, 29 फीसदी विधायकों ने अपनी जेब और 14 फीसदी विधायकों ने निजी कंपनी, फर्म या अन्य माध्यमों से पैसा लेकर चुनाव पर व्यय किया है।
ज्यादा खर्च करने वाले टॉप-10 विधायक
आनी से विधायक किशोरी लाल ने सबसे ज्यादा 25.84 लाख, कसौली से राजीव सहजल 24.59 लाख, करसोग से हीरा लाल 22.96 लाख, सोलन से धनी राम शांडिल 22.19 लाख, सुलह से विपिन सिंह परमार ने 21.85 लाख, नाचन से विनोद कुमार ने 21.72 लाख, बंजार से सुरेंद्र शौरी ने 21.70 लाख, बिलासपुर से सुभाष ठाकुर ने 21.41 लाख और सरकाघाट से इंद्र सिंह ने 20.94 लाख रुपए चुनाव पर खर्च किए हैं।
सबसे कम खर्च करने वाले 10 विधायक
रोहड़ू से विधायक एम.एल. ब्राक्टा ने सबसे कम 3.89 लाख, कसुम्पटी से अनिरुद्ध सिंह 6.49 लाख, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर ने 7.11 लाख, हरोली से मुकेश अग्निहोत्री ने 7.39 लाख, ठियोग से राकेश सिंघा ने 8.21 लाख, किन्नौर से जगत सिंह नेगी ने 8.42 लाख, फतेहपुर से सुजान सिंह पठानिया ने 8.49 लाख, धर्मपुर से महेंद्र सिंह ठाकुर ने 7.10 लाख, श्री रेणुका जी से विनय कुमार ने 8.69 लाख और भरमौर से जिया लाल ने 9.24 लाख रुपए चुनाव पर व्यय किए हैं।
68 विधायकों ने 10.38 करोड़ चुनाव में किया खर्च
भारतीय जनता पार्टी के 44 विधायकों ने चुनाव प्रचार पर 7,47,90,012 रुपए खर्च दर्शाया है जबकिकांग्रेस के जीतकर आए 21 विधायकों ने चुनाव जीतने के लिए 2,47,88,568 रुपए, सी.पी.आई.(एम) के एक विधायक ने 8,21,788 रुपए और 2 आजाद जीतकर आए विधायकों ने 33,89,012 रुपए खर्च किए हैं।