Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Dec, 2017 11:11 AM
सेब समेत अन्य फलों के पौधे बिना पंजीकरण के बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा नर्सरी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1973 में संशोधन किया गया है। इसके बाद बागवानी विभाग ने विभिन्न फलों की नर्सरी तैयार करने के लिए नियम भी बना लिए हैं।
शिमला: सेब समेत अन्य फलों के पौधे बिना पंजीकरण के बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा नर्सरी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1973 में संशोधन किया गया है। इसके बाद बागवानी विभाग ने विभिन्न फलों की नर्सरी तैयार करने के लिए नियम भी बना लिए हैं। इन नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण केसेब समेत अन्य फलों के पौधे बेचते पाया जाता है, उस व्यक्ति को एक साल तक की जेल और 20 हजार रुपए तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। यही नहीं बिना पंजीकरण वाली नर्सरियों को नष्ट करने का भी एक्ट में प्रावधान है।
बागवानी महकमा इसी सप्ताह टीमों का करेगा गठन
बागवानी महकमा इसी सप्ताह टीमों का गठन करेगा। ये टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में बिना पंजीकरण के फलदार पौधे बेचने वालों पर कार्रवाई करेंगी। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में हर साल सैंकड़ों लोग विभिन्न फलों की नर्सरियां तैयार करते हैं। सर्दियों में इन पौधों को बेचकर नर्सरी मालिक मोटा मुनाफा कमाते हैं लेकिन नर्सरी की जांच न होने के कारण ज्यादातर पौधे बगीचों में लगने के बाद सूख जाते हैं।
टिशू कल्चर लैब का पंजीकरण भी अनिवार्य
एक्ट में न केवल खुले में बल्कि टिशू कल्चर लैब और बड-बुड बैंक का भी पंजीकरण करने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में कुछ लोग टिशू कल्चर लैब में भी सेब समेत अन्य फलों के पौधे तैयार कर रहे हैं। इसी तरह कुछ लोग विदेशों से विभिन्न फलों की उम्दा वैरायटी लाकर बड-बुड बैंक तैयार कर रहे हैं। अब तक लोग बिना पंजीकरण के ही विभिन्न फलों की कलमें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं लेकिन अब पंजीकरण करवाने के बाद ही बड-बुड बैंक तैयार कर पाएंगे।