Edited By Vijay, Updated: 29 Jan, 2020 09:23 PM
जहां एक ओर प्रदेश सरकार गरीबी दूर करने की बात कह रही है, विधवा महिलाओं को पैंशन देने की बातें भी कह रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। इसका उदाहरण जिला सिरमौर के अन्तर्गत गांव चमारली में देखने को मिला है।
शिलाई (रवि तौमर): जहां एक ओर प्रदेश सरकार गरीबी दूर करने की बात कह रही है, विधवा महिलाओं को पैंशन देने की बातें भी कह रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। इसका उदाहरण जिला सिरमौर के अन्तर्गत गांव चमारली में देखने को मिला है। यहां एक विधवा महिला दो वक्त की रोटी और छत के लिए परेशान हो रही है। सभी को गुहार लगाने के बाद भी समस्या का समाधान न होने पर उक्त महिला जब घर में ही गुजर-बसर करने को मजबूर हो गई तो शिलाई पुलिस फरिश्ता बनकर महिला की मदद करने पहुंच गई।
चलने-फिरने में असमर्थ है महिला
जिला सिरमौर के अन्तर्गत गांव चमारली में रहने वाली 70 वर्षीय वृद्ध महिला शीबी देवी के पति बुधु राम की करीब 2 वर्ष पहले मौत हो चुकी है। महिला कच्चे मकान में अकेली रहती है, जिसकी कोई संतान नही है। उक्त महिला अब चलने-फिरने में भी असमर्थ है। कड़ाके की ठंड मे रात गुजारने के लिए उसके पास पर्याप्त बिस्तर व कपडे नहीं थे। इस कड़ाके की ठंड से महिला को निजात दिलाने के लिए पुलिस थाना शिलाई में तैनात नवीन सैनी, रविंद्र सिंह व आरक्षी अनिल चौधरी आगे तथा उन्होंने पुलिस संरक्षण योजना के तहत महिला को बिस्तर, कपडे व खाने-पीने की सामग्री मुहैया करवाई है।
क्या बोले डीएसपी सोमदत्त
डीएसपी सोमदत्त ने बताया कि पुलिस लोगों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहती है। उन्होंने कहा कि कई मानसिक रोगियों को पुलिस ने सहायता करके उनके घर तक पहुंचाया ह। इसके अलावा शिलाई पुलिस ने भी एक महिला जो कड़ाके की ठंड में अपना गुजर-बसर करने को मजबूर थी उसके लिए कपड़े, भोजन, ओढऩे के लिए रजाई का प्रबंध किया ताकि महिला ठंड से बच सके और यह कार्य पुलिस आगे भी करती रहेगी।