Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2025 06:03 PM
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों के डिपोर्ट के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं, साथ ही केंद्र सरकार के विश्व गुरु के दावों पर भी सवाल उठाए हैं।
शिमला (भूपिन्द्र): लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों के डिपोर्ट के तरीके पर नाराजगी जताते हुए सवाल खड़े किए हैं, साथ ही केंद्र सरकार के विश्व गुरु के दावों पर भी सवाल उठाए हैं। अपने सोशल मीडिया पेज पर उन्होंने अमेरिका के भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के तरीके को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। अपनी पोस्ट में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अमेरिका से भारतीय प्रवासियों का निर्वासन एक ऐसा मुद्दा है, जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चुनौती है। हाल ही में अमेरिका से 104 भारतीय प्रवासियों को वापस लाया गया, जिनमें से अधिकांश पंजाब और आसपास के राज्यों से थे। यह निर्वासन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए आव्रजन नीतियों के तहत किया गया है, जिसमें अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
विक्रमादित्या सिंह ने कहा कि जिस तरह से इन प्रवासियों को निर्वासित किया गया, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इन प्रवासियों को हथकड़ियों और पैरों में बंधन लगाकर ले जाया गया, जो मानवता के खिलाफ है। यह हमारे देश के लिए एक बड़ा सवाल है कि क्या हम विश्व गुरु के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं या नहीं? मोदी सरकार का यह दावा कि हम विश्व गुरु हैं, इस घटना के बाद सवालों के घेरे में आ गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं, लेकिन साथ ही हम यह भी चाहते हैं कि इन प्रवासियों को मानवीय तरीके से वापस लाया जाए। पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि इन प्रवासियों को स्थायी निवास दिया जाना चाहिए था, क्योंकि वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान कर रहे थे।
आव्रजन नीतियों पर किया जाए पुनः विचार
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह समय है जब आव्रजन नीतियों पर पुनः विचार किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारे नागरिकों को विदेशों में मानवीय तरीके से व्यवहार किया जाए। आव्रजन नीतियां विदेशी नागरिकों के देश में आने, रहने, काम करने, अध्ययन करने, निवेश करने और व्यवसाय शुरू करने को लेकर नियम से संबंधित हैं।
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