टांडा में होगी मृत व्यक्ति के अंगों की ट्रांसप्लांटेशन

Edited By prashant sharma, Updated: 10 Apr, 2021 11:25 AM

transplantation of dead person s organs will be done in tanda

डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सुविधा पी.जी.आई. चंडीगढ़ में होती रही है। शुक्रवार को टांडा मेडिकल कॉलेज में इस विषय के ऊपर ही सेमिनार आयोजित किया...

कांगड़ा (किशोर) : डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सुविधा पी.जी.आई. चंडीगढ़ में होती रही है। शुक्रवार को टांडा मेडिकल कॉलेज में इस विषय के ऊपर ही सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें पी.जी.आई. चंडीगढ़ के सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन के डॉक्टरों ने मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को किस तरह ट्रांसप्लांट किया जाएगा पर टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ अपने अनुभवों को सांझा किया। डाॅ. राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज टांडा में कार्यरत हैं जो मेडिकल कॉलेज टांडा में सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने का कार्य करेंगे। इन्होंने इस कार्य का अनुभव पी.जी.आई. चंडीगढ़ से प्राप्त किया है। इन्हीं के प्रयासों से आज टांडा मेडिकल कॉलेज में इस सेमिनार का आयोजन और इस सुविधा का जल्दी ही शुरुआत हो पाना मुमकिन हुआ है। डाॅ. राकेश चौहान ने बताया कि प्रिंसिपल टांडा मेडिकल कॉलेज भानु अवस्थी ने उन्हें इस कार्य  को करने के लिए पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया। इस मौके पर डायरैक्टर मेडिकल एजुकेशन हिमाचल प्रदेश डाॅ. रजनीश पठानिया, पी.जी.आई. से किडनी ट्रांसप्लांट हैड डाॅ. आशीष शर्मा, रोटो पी.जी.आई. नोडल ऑफिसर डाॅ. विपिन कौशल और डाॅ. राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन टांडा आदि उपस्थित रहे।

5 साल के लिए हुआ रजिस्टर

प्रिंसिपल भानु अवस्थी ने बताया मेडिकल कॉलेज टांडा अगले 5 वर्षों के लिए सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा के लिए रजिस्टर हो गया है। जैसे ही कोई ऐसा मरीज टांडा मेडिकल कॉलेज में आता है, जो अंगदान की सुविधा के लिए पात्र हो ऐसा मरीज मिलते ही इस सुविधा को टांडा मेडिकल कॉलेज में शुरू कर दिया जाएगा। उपस्थित सभी डॉक्टरों ने जनसाधारण से यह अपील की है कि अंगदान के महत्व को समझे और लोगों में अंगदान करने की भावना पैदा करने में मदद करें। क्योंकि एक मृत व्यक्ति जिसका शरीर मरने के उपरांत निष्क्रिय हो जाता है। यदि समय रहते उसके महत्वपूर्ण अंगों को कंजरवेट कर लिया जाए तो यह अंग जरूरतमंदों को नई जिंदगी दे सकते हैं।

अंगदान करने वालों को किया सम्मानित

इस मौके पर मेडिकल कॉलेज टांडा की तरफ से अंगदान करने वाले परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर उनका धन्यवाद किया गया। इन परिवारों के सदस्यों ने अपने अनुभवों को सभी के सामने प्रस्तुत किया और अंगदान करने के प्रति समाज को जागरूक करने की अपील की। अंगदान करने वाले परिवारों में ऊना से सुषमा जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया, हमीरपुर से वर्षा शर्मा जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया, मास्टर आदित्य कटोच आर्मी पब्लिक स्कूल कांगड़ा ने अपना कॉर्निया, किडनी व लीवर दान किया। वहीं त्रिलोक सिंह कांगड़ा ने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया।
 

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