Edited By Ekta, Updated: 20 Aug, 2019 02:03 PM
मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही हंगामेदार रहने के बाद दूसरे दिन भी विधानसभा सदन में ऊना में शराब पकड़ने का मामला गूंजा। सदन में इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता ने सरकार से विपक्ष को शराब माफिया से जुड़े होने के बयान को लेकर माफी मांगने की बात कही...
शिमला (योगराज): मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही हंगामेदार रहने के बाद दूसरे दिन भी विधानसभा सदन में ऊना में शराब पकड़ने का मामला गूंजा। सदन में इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता ने सरकार से विपक्ष को शराब माफिया से जुड़े होने के बयान को लेकर माफी मांगने की बात कही और एसपी ऊना को हटाने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले की जांच को सीआईडी को ट्रांसफर करने की बात कही और 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और यह आईजी की देखरेख में होगी। उन्होंने कहा कि अगर जांच में एसपी दोषी पाया जाता है तो एसपी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी। लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और एसपी को ऊना से ट्रांसफर करने की मांग पर अड़ा रहा। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष में प्रश्नकाल शुरू का दिया लेकिन विपक्ष ने प्रश्नकाल में भाग नहीं लिया और सरकार के खिलाफ अंदर ही नारेबाजी शुरू कर दी। साथ ही विपक्ष ने वॉकआऊट कर दिया।
एक तरफ प्रश्नकाल चलता रहा तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार के खिलाफ नारेबाजी करता रहा। इतना ही नहीं वामपंथी विधायक राकेश सिंघा ने भी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और सरकार की मंशा ओर सवाल खड़े किए। राकेश सिंघा ने कहा कि सवाल कांग्रेस विधायकों का नहीं है बल्कि विधायक संस्था और चुने हुए नुमांइदे के खिलाफ साजिश और अवमानना है। सरकार अगर इसकी निष्पक्ष जांच करवाना चाहती है तो एसपी को तुरन्त इस जिले से हटा दें वरना ये साफ है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।