राज्य सरकार ने फोरलेन प्रभावितों से की धोखाधड़ी, 2 साल बाद दोबारा शुरू हुई परियोजना तो पुराने रेट क्यों

Edited By prashant sharma, Updated: 02 Aug, 2021 11:59 AM

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फोरलेन लोक बॉडी की बैठक अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में रविवार को नागणी गांव में हुई, जिसमें फोरलेन परियोजना पठानकोट-मंडी के भू अधिग्रहण संबंधित आ रही समस्याओं बारे चर्चा की गई।

नूरपुर (राकेश) : फोरलेन लोक बॉडी की बैठक अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में रविवार को नागणी गांव में हुई, जिसमें फोरलेन परियोजना पठानकोट-मंडी के भू अधिग्रहण संबंधित आ रही समस्याओं बारे चर्चा की गई। राजेश पठानिया ने बैठक में बताया कि सरकार ने जो मार्च महीने में पहला अवार्ड निकाला था, जिससे कि लोगों को पता चला कि उनकी जमीन के दाम कौड़ियों के भाव में लगाए गए हैं उस विषय पर लोक बॉडी ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री व मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को एस.डी.एम. नूरपुर के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा था। इसमें 11 प्रश्न पूछे गए थे। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से लोक बॉडी को लगातार पत्र प्राप्त होते रहे हैं और एन.एच.ए.आई. द्वारा प्राप्त पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव पी.डब्ल्यू.डी. हिमाचल प्रदेश को भी भेजी गई है, जिसमें एन.एच.ए.आई. ने हमारी शिकायतों का क्रम से उत्तर दिया है और उसमें एन.एच.ए.आई. ने स्पष्ट तौर पर लिखित में कहा कि जितने भी रेट कम किए गए हैं यह राज्य सरकार ने किया है। किसको कितना रेट देना है यह राज्य सरकार तय करती है। हालांकि इस परियोजना को मई 2019 में स्थगित कर दिया गया था और अब इसे दोबारा मंजूरी मिली है।

लोक बॉडी ने सरकार से जानना चाहा कि जब 2017-18 में इस परियोजना का पहला 3-ए नोटिफिकेशन हुआ उसके बाद 2 साल बाद इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया और 2020-21 में यह परियोजना दोबारा शुरू की गई तो सरकार फोरलेन प्रभावित लोगों से धोखाधड़ी करते हुए नूरपुर क्षेत्र के लोगों को पुराने रेट क्यों दे रही है। अभी तक सरकार ने तीसरा अवार्ड घोषित नहीं किया है। फोरलेन लोक बॉडी अध्यक्ष ने कहा कि पहले तो 3-3 अवार्ड घोषित करना ही फोरलेन प्रभावित पीड़ित लोगों की समझ से परे है, जबकि हिमाचल में फोरलेन परियोजना में कहीं भी नहीं हुआ है और अब सरकार ने जानबूझकर जनता के साथ धोखाधड़ी करते हुए हुए 2017-18 के रेट दिए और ज्यादातर जमीन उसी रेट में ले ली। वहीं जब सरकार ने 2017-18 में जमीन के रेट लिए हैं तो इसका भू अधिग्रहण 2021 में क्यों हो रहा है। यह प्रभावित लोगों की समझ से परे है, क्योंकि उस समय सरकार ने जनता के साथ कोई भी लिखित में एग्रीमेंट नहीं किया था। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ न्याय करे और हमें मार्केट वैल्यू के हिसाब से फैक्टर 2 देने के कोशिश करें, क्योंकि यह सरकार ने अपने घोषणा पत्र में लिखित में दिया था।

बिल्डिंग स्ट्रक्चर के भी बताए जाएं रेट

राजेश पठानिया ने कहा कि जो विभाग बिल्डिंग नापने का काम है वह टीम उस बिल्डिंग के मालिक को यह नहीं बताती है कि आपकी कितनी जमीन गई है। इस बिल्डिंग का कितना एरिया बना है और आपकी राशि कितनी बनी है। सरकार से निवेदन करते हुए लोकबाडी अध्यक्ष ने कहा कि है पहले जनता को उनकी बिल्डिंग स्ट्रक्चर के रेट बताए जाएं उसके बाद बिल्डिंग नापी जाए, ताकि भू मालिकों को पता हो कि उसकी बिल्डिंग का क्या मोल है। उन्होंने कहा कि सरकार हर बार जनता को ठगने के नए-नए तरीके अपना रही है और हर बार अपनी बात से मुकर जाती है। इसलिए हमारी एक बार फिर सरकार से निवेदन है कि सरकार मार्केट वैल्यू के हिसाब से हमारी जमीनों और बिल्डिंग के रेट दे और पहले हमारे जो जमीनों के रेट है उनको बढ़ाया जाए उसके बाद इसके ऊपर फैक्टर 2 लगाया जाए।

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