Edited By Kuldeep, Updated: 15 Apr, 2025 04:55 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने जटिल विषयों का निराकरण करने के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमितियां गठित की हैं।
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने जटिल विषयों का निराकरण करने के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमितियां गठित की हैं। इसमें उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से लेकर दूसरे मंत्रिमंडल सदस्यों की अध्यक्षता में गठित उपसमितियां अपनी रिपोर्ट तैयार करके मंत्रिमंडल के समक्ष रख रही हैं। इसके बाद मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिशों पर मंथन करने के बाद अमल करता है। हाल ही में प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के उद्देश्य से गठित उपसमिति ने 45 विषयों को लेकर अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल के समक्ष रखी हैं। इसमें कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने से लेकर आर्थिक हालात को सुधारने के लिए कई विकल्प सुझाए गए हैं।
इसमें कुछ सुझावों पर कम अवधि में अमल होना है, जबकि दूसरे अन्य विषयों पर सरकार दीर्घकालीन रणनीति के तहत आगे बढ़ेगी। इसमें बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश के हिस्से के 4,500 करोड़ रुपए प्राप्त करने एवं केंद्रीय अनुदान जुटाने जैसे विषय भी शामिल हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य सरकारों के साथ संवाद करने का हल तलाशा जा सकता है। सरकार प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों जैसे पर्यटन, हाऊसिंग, विद्युत, चूने का पत्थर, उद्योग एवं खनन से वित्तीय संसाधन जुटा सकती है। इसके अलावा घाटे के एचआरटीसी बस रूटों को बंद करके उसको निजी ऑप्रेटरों को दिया जाना शामिल है। हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर को भंग करने के बाद फंसे पोस्ट कोड परिणाम के निकालने का रास्ता भी मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने सुझाया है। इसी तरह शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के लिए गठित उपसमिति भी शीघ्र अपनी रिपोर्ट देने वाली है। हालांकि पहले यह रिपोर्ट 15 अप्रैल तक दी जानी प्रस्तावित थी, लेकिन अप्रैल माह में सरकारी अवकाश आने एवं अन्य कारणों से यह अवधि लंबी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने पांगी दौरे से लौटने के बाद सीधे इस विषय का हल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश में होम स्टे संचालन, अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से अस्पताल में संसाधन जुटाने के लिए भी उपसमितियों ने काम किया है। भविष्य में भी विभागीय स्तर पर जटिल विषयों के समाधान के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमितियां गठित करने के विकल्प खुले हैं।