Edited By Kuldeep, Updated: 10 Feb, 2025 09:14 PM
![the forest department collected 55 92 lakh rupees from tourists visiting triund](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_21_11_245524877bureau_61-ll.jpg)
पर्यटन स्थलों का दीदार करने के लिए पर्यटकों से वसूले जा रहे शुल्क से वन विभाग को खूब राजस्व प्राप्त हुआ है।
धर्मशाला (जिनेश) : पर्यटन स्थलों का दीदार करने के लिए पर्यटकों से वसूले जा रहे शुल्क से वन विभाग को खूब राजस्व प्राप्त हुआ है। प्रदेश में ट्रैकिंग और कैंपिंग गतिविधियों के लिए ईको टूरिज्म सोसायटी के तहत पर्यटकों से शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया था जिसके तहत त्रियुंड ट्रैकिंग साइट तक पहुंचने वाले पर्यटकों से 8 महीनों में वन विभाग ने 55 लाख 92 हजार 95 रुपए का राजस्व बसुला है। वहीं इस दौरान तकरीबन 56 हजार से अधिक पर्यटक त्रियुंड पहुंचे हैं। मिली जानकारी के अनुसार भागसू चैक पोस्ट से 29 हजार 607 पर्यटकों ने त्रियुंड का रुख किया था तथा इससे विभाग को 29 लाख 29 हजार 855 रुपए की आमदनी हुई है।
वहीं गलू चैक पोस्ट से 27 हजार 167 पर्यटक त्रियुंड को गए हैं जिसमें 26 लाख 62 हजार 240 रुपए की आमदनी विभाग को हुई है। जानकारी के अनुसार शुरूआती दौर में पर्यटकों से त्रियुंड जाने के लिए 200 रुपए लिए जा रहे थे लेकिन प्रदेश में ट्रैकिंग और कैंपिंग गतिविधियों के लिए नए साल की छुट्टियों के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी कमी को देखते हुए इको टूरिज्म सोसायटी ने प्रवेश और टैंटिंग शुल्क पर 50 फीसदी ऑफ सीजन छूट दी थी। ऑफ सीजन में पर्यटन को आधे दामों पर त्रियुंड सहित अन्य ट्रैकिंग साइट पर जाने का फैसला विभाग ने लिया था। त्रियुंड जाने के लिए पहले सैलानियों को प्रति व्यक्ति 200 रुपए शुल्क देना पड़ता था लेकिन 50 फीसदी छूट के चलते अब सैलानी 100 रुपए में ट्रैकिंग कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार सर्दी का मौसम होने के चलते जिले में आपदा प्रबंधन नियम के तहत पहाड़ी इलाकों में जाने पर पर्यटकों के लिए पाबंदी लगाई गई है जो 15 मार्च तक लागू रहेगी। विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में सरकार पर्यटन स्थलों में जाने का शुल्क बढ़ा सकती है। ऐसे में शुल्क रिवाइज हो सकते हैं।
धर्मशाला, वन विभाग डीएफओ दिनेश शर्मा ने कहा कि पर्यटन स्थल त्रियुंड पर ट्रैकिंग और कैंपिंग गतिविधियों से विभाग को पिछले साल 8 महीनों में 55 लाख 92 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। इस दौरान 56 हजार से अधिक पर्यटक त्रियुंड पर ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए गए हैं।