Edited By Vijay, Updated: 30 Sep, 2024 05:10 PM
राजधानी शिमला में 1950 से पहले के बने केंद्रीय कार्यालयों व उनकी आवासीय कालोनियों से नगर निगम को 2014 से लंबित प्रापर्टी टैक्स वसूली करनी है, लेकिन यह रिकवरी प्रक्रिया फिलहाल लटक गई है।
शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में 1950 से पहले के बने केंद्रीय कार्यालयों व उनकी आवासीय कालोनियों से नगर निगम को 2014 से लंबित प्रापर्टी टैक्स वसूली करनी है, लेकिन यह रिकवरी प्रक्रिया फिलहाल लटक गई है। नगर निगम ने सीपीडब्ल्यूडी को प्राॅपर्टी टैक्स रिकवरी के लिए करीब 12 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था, इसके बाद निगम ने बिल के भुगतान को लेकर कोई जवाब नहीं आने पर बिजली-पानी काटने को लेकर भी विभाग को नोटिस भेजा था, इसके बाद से विभाग ने मामले को लेकर शहरी विकास विभाग के सचिव के पास अपील की है।
अब इस मामले को लेकर सचिव के पास सुनवाई होनी है। इसके बाद ही मामले पर कोई फैसला लिया जा सकता है। फिलहाल निगम के 12 करोड़ रुपए की रिकवरी प्रक्रिया लटक गई है। शिमला में 1950 के पहले के करीब 130 से ज्यादा केंद्रीय कार्यालय व कालोनियां हैं। इनमें से कुछ से 2014 और 2017 से लंबित प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी करनी है। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन ने शिमला में केंद्रीय कार्यालयों को करीब 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का डिमांड नोटिस भेजा है।
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