Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2024 05:08 PM
राजधानी शिमला में टैक्सियों के सालाना टैक्स में बढ़ौतरी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सरकार द्वारा अलग-अलग सीटर टैक्सियों के बढ़ाए टैक्स को लेकर टैक्सी ऑप्रेटर्ज बिफर गए हैं। टैक्स को वापस लेने को लेकर शिमला की समस्त टैक्सी यूनियनों के पदाधिकारी...
शिमला (राजेश): राजधानी शिमला में टैक्सियों के सालाना टैक्स में बढ़ौतरी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सरकार द्वारा अलग-अलग सीटर टैक्सियों के बढ़ाए टैक्स को लेकर टैक्सी ऑप्रेटर्ज बिफर गए हैं। टैक्स को वापस लेने को लेकर शिमला की समस्त टैक्सी यूनियनों के पदाधिकारी परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी से मिले और बढ़ाए गए टैक्स के विरोध में उनके समक्ष अपनी बात रखी। आल हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी की अध्यक्षता में परिवहन निदेशालय पहुंचे टैक्सी ऑप्रेटरों ने परिवहन निदेशक को बताया कि 23 जनवरी 2024 को पूर्व परिवहन निदेशक ने समस्त टैक्सी मालिकों को आश्वस्त किया था कि किसी भी प्रकार का कोई टैक्स टैक्सियों के ऊपर नहीं बढ़ाया जाएगा बावजूद इसके कुछ टैक्सी गाड़ियों के ऊपर टैक्स बढ़ा दिया गया है। आल हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार के द्वारा टैक्सी मालिकों के साथ यह सरासर अन्याय और धोखा है।
बढ़ा हुआ टैक्स वापस नहीं लिया तो होगा चक्का जाम
हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सोमवार को समस्त टैक्सी मालिकों और यूनियनों के पदाधिकारियों ने एक बैठक भी की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर सरकार बढ़ा हुआ टैक्स वापस नहीं लेती है तो हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो चक्का जाम भी करेंगे। सरकार के इस तानाशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं इस बारे रिवहन निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि टैक्स बढ़ौतरी को लेकर टैक्सी ऑप्रेटरों को आश्वस्त किया कि मौजूदा समय में प्रदेश में आचार संहिता लगी है। ऐसे में कोई भी निर्णय वापस नहीं लिया जा सकता है। जैसे ही प्रदेश मेें आचार संहिता हटेगी तो टैक्सी ऑप्रेटरों की मांगों को सरकार के सामने प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
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