Edited By Vijay, Updated: 13 Sep, 2019 06:41 PM
विश्व हिंदू परिषद जिला सुंदरनगर ने शुक्रवार को सुंदरनगर के लेक व्यू गैस्ट हाउस में धर्मांतरण की आशंका के चलते ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा के दौरान जमकर हगांमा किया और प्रशासन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): विश्व हिंदू परिषद जिला सुंदरनगर ने शुक्रवार को सुंदरनगर के लेक व्यू गैस्ट हाउस में धर्मांतरण की आशंका के चलते ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा के दौरान जमकर हगांमा किया और प्रशासन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई भी हुई। इसके बाद पुलिस बल को मौके पर बुलाकर स्थिति को काबू किया गया। बाद में नायब तहसीलदार सुंदरनगर भी मौके पर पहुंचे और ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा के आयोजकों से संबंधित कार्यक्रम की अनुमति के दस्तावेज मांगे गए। आयोजकों द्वारा दस्तावेज न दिखाने के बाद पुलिस की मदद से सभा को बंद करवाया गया।
क्या कहते हैं विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी
प्रांत समन्वय प्रमुख विश्व हिंदू परिषद शमशेर सिंह ठाकुर ने कहा कि ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन किए जाने की भनक लगते ही हिंदू समाज के लोग लेक व्यू गैस्ट हाऊस के बाहर इकट्ठे हुए और इसाई मिशनरियों के खिलाफ धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विहिप बजरंगदल आरएसएस और विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखे व स्थानीय लोगों से भी आग्रह किया है कि जो लोग इस प्रकार धर्म परिवर्तन कर रहे हैं वे लोग अपना नाम परिवर्तन करें व सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं त्यागें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों पर सरकार सख्ती से भविष्य में कार्रवाई करे।
क्या कहती है पुलिस
वहीं मौके पर पहुंचे बीएसएल कालोनी थाना के एएसआई राजेंद्र सिंह ने बताया कि निजी होटल में हगांमा होने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन करने वालों को सभा स्थल तक जाने से रोका गया। इसके बाद नायब तहसीलदार के साथ मिलकर सभा को बंद करवाया गया।
क्या कहते हैं सभा आयोजक
वहीं ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा के आयोजक अमर सिंह का कहना है कि जैसे अन्य धर्मगुरु अपने कार्यक्रम आयोजित करते हैं उसी तरह से यह हमारी वार्षिक प्रार्थना सभा थी। इसमें किसी तरह का धर्म परिवर्तन नहीं किया जाता है। लोगों को केवल धर्म के बारे में प्रवचन सुनाए जाते हैं।