Edited By Rahul Singh, Updated: 27 Aug, 2024 03:34 PM
जिला मुख्यालय नाहन में लेप्रोसी वार्ड के समीप चीड़ के 8 पेड़ों को काटने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि इन पेड़ों का कटान किसने और क्यों किया है। इसको लेकर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। मामला संज्ञान...
नाहन, (आशू): जिला मुख्यालय नाहन में लेप्रोसी वार्ड के समीप चीड़ के 8 पेड़ों को काटने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि इन पेड़ों का कटान किसने और क्यों किया है। इसको लेकर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। मामला संज्ञान में आते ही शहर की गुन्नूघाट पुलिस चौकी के प्रभारी ए, एस. आई. सुरेश मेहता ने भी मौके का दौरा किया। पुलिस ने मौके से काटे गए पेड़ों की लकड़ी को नगर परिषद के वन रक्षकों के सुपुर्द कर दिया है। पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी है।
पुलिस के अनुसार नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजय गर्ग की शिकायत पर इस मामले में संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है और जांच जारी है। उधर, एक ही दिन में शहर में 2 अलग-अलग मामलों में कुल 9 पेड़ों के कटान के मामले सामने आए हैं। आखिर कौन इन पेड़ों का कटान करवा रहा है और किसके इशारे पर यह काम किया जा रहा है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन हरे-भरे पेड़ों पर आरी चलाने के मामले में कई सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि गत रविवार को सबसे पहले ऐतिहासिक कालीस्थान मंदिर के पिछले हिस्से में एक हरा-भरा आम का पेड़ काट दिया गया। जैसे ही पेड़ काटा गया तो वह सड़क से गुजर रही एक कार पर जा गिरा। गनीमत यह रही कि गाड़ी में सवार बाप-बेटा सुरक्षित बच गए। इस घटना में पुलिस लापरवाही का केस दर्ज कर चुकी है। वहीं रविवार शाम को ही लैप्रोसी वार्ड के समीप भी चीड़ के 8 पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया। ये पेड़ भी किसने और किस कारण काटे, इसका भी अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। आखिर किसके इशारे पर और क्यों शहर में इन पेड़ों का कटान किया गया, इसका खुलासा पुलिस जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
पेड़ों के कटान पर पर्यावरण प्रेमियों ने साधी चुप्पी
उधर, लोगों के बीच यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि पर्यावरण संरक्षग का ढोल पीटने वाले पर्यावरणप्रेमी भी शहर में एक ही दिन में कटान के मामले में पूरी तरह से चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? किसी एक पर्यावरण प्रेमी ने इन दोनों ही मामलों की जांच के लिए अभी तक न तो कोई बयान दिया और न ही किसी स्तर पर जांच की मांग के लिए कोई शिकायत की गई। पर्यावरण प्रेमियों की खामोशी भी इनके पर्यावरण संरक्षण के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।