Edited By Vijay, Updated: 18 Feb, 2023 04:37 PM

शिवरात्रि के पर्व पर शनिवार को जिला ऊना बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान जिला के शिव मंदिरों में हजारों की तादाद में भक्तों ने माथा टेका। सुबह तड़के से ही जिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी।
ऊना (ब्यूरो): शिवरात्रि के पर्व पर शनिवार को जिला ऊना बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान जिला के शिव मंदिरों में हजारों की तादाद में भक्तों ने माथा टेका। सुबह तड़के से ही जिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। वहीं ऊना के प्रमुख ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा।

जिला में स्थित 9 ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अर्द्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान् शिव की 81 फुट ऊंची प्रतिमा वाले महादेव मंदिर कोटला कलां में सुबह भौर फूटने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगना शुरू हो गईं थीं।
श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा-अर्चना की। शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया। ऊना जिला के पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आए श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए। इनमें से अधिकतर मंदिर पांडव काल के माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था। मंदिरों में शीश निवाने आए श्रद्धालुओं की मानें तो भगवान भोले नाथ सभी की मनोकामना पूरी करते हैं।
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