पूर्व विधायक से बालूगंज पुलिस थाना में हुई 3 घंटे तक पूछताछ, हर सवाल का दिया जवाब

Edited By Kuldeep, Updated: 22 Jun, 2024 09:53 PM

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प्रदेश की सुक्खू सरकार को गिराने के षड्यंत्र और बागी विधायकों को चौपर से लाने व ले जाने तथा खर्चा उठाने सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बालूगंज पुलिस थाना में दर्ज हुए मामले में आखिरकार उच्च न्यायालय की फटकार के बाद पूर्व विधायक आशीष शर्मा...

शिमला (संतोष): प्रदेश की सुक्खू सरकार को गिराने के षड्यंत्र और बागी विधायकों को चौपर से लाने व ले जाने तथा खर्चा उठाने सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बालूगंज पुलिस थाना में दर्ज हुए मामले में आखिरकार उच्च न्यायालय की फटकार के बाद पूर्व विधायक आशीष शर्मा बालूगंज पुलिस थाना में पूछताछ के लिए शनिवार को पहुंचे। यहां पुलिस ने उनसे करीब 3 घंटे तक पूछताछ की, लेकिन पुलिस के सवालों का वह कुछ ठोस जवाब नहीं दे सके हैं। हालांकि पुलिस को कुछ बिंदुओं की टिप अवश्य मिली है, जिस पर पुलिस इसको क्रॉस वैरीफाई करेगी। पूर्व विधायक आशीष शर्मा को 13 और 18 जून को भी बालूगंज पुलिस थाना में बुलाया गया था, लेकिन जब वह नहीं पहुंचे तो पुलिस ने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा, जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें शनिवार को पुलिस जांच में सहयोग करने की फटकार लगाई थी। पुलिस का कहना है कि उन्होंने पुलिस जांच में पूरा सहयोग नहीं किया, अपितु बार-बार उठते रहे और यहां-वहां आते जाते रहे, जबकि पूर्व विधायक का कहना है कि उन्होंने पुलिस जांच में पूरा सहयोग किया है।

पुलिस ने तैयार की थी सवालों की लंबी फेहरिस्त
सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने प्रश्नों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार की थी, लेकिन पुलिस के सवालों का पूर्व विधायक कुछ ठोस जवाब नहीं दे सके। बताया जाता है कि पुलिस ने उनसे किस होटल में ठहरने के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा कि ललित होटल में वह ठहरे थे, लेकिन होटल वाले पहले ही इससे इन्कार कर चुके हैं, जबकि वह हयात होटल में ठहरे थे, वहां दवाई बनाने वाली एक कंपनी ने बिल का भुगतान किया है। पुलिस ने चौपरों से लाने व ले जाने के खर्च के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने इन्कार किया कि वह नहीं जानते कि हैलीकॉप्टर किसने हायर किए थे और इसका खर्च किसने वहन किया है। बता दें कि एक चौपर का एक घंटे के लिए 10 लाख खर्च होता है, जबकि 10-10 घंटे चौपरों में विधायकों को लाया व ले जाया गया है। उत्तराखंड के एक भाजपा नेता द्वारा 20 लाख के भुगतान के पूछे गए सवाल पर भी वह टालमटोल ही कर गया कि उन्हें इसका पता नहीं है। पुलिस को कुछ बिंदुओं पर कुछ तथ्य हाथ लगे हैं, जिसकी पुलिस क्रॉस जांच करने में जुट गई है। इस मामले में अभी कई अन्यों से पूछताछ होनी शेष है। इस मामले में हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी भी पेश हो चुके हैं, जबकि पूर्व आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा से भी पूछताछ हो चुकी है।

यह है मामला
कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा 10 मार्च को बालूगंज थाना में पूर्व विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी राकेश शर्मा के खिलाफ भादंसं 171 ई और 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज करवाया है और इन दोनों पर आरोप हैं कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा, जिसके लिए पुलिस साक्ष्य जुटा रही है, क्योंकि 27 फरवरी को राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के बागी 6 और पूर्व निर्दलीय 3 विधायक करीब एक माह तक प्रदेश से बाहर रहे थे।

पुलिस के हर सवाल का दिया जवाब, मुख्यमंत्री व उनके सगे भाई हैं सबसे बड़े खनन माफिया : आशीष
बालूगंज पुलिस थाना में पुलिस जांच के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए पूर्व विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने पुलिस के हर सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि जो भी सवाल पूछने हैं, उसके लिए 10 जुलाई के बाद बुलाया जाए, क्योंकि उपचुनाव की वजह से उनके लिए एक-एक मिनट कीमती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि हिमाचल का सबसे बड़ा माफिया है तो वह मुख्यमंत्री स्वयं है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में झूठ की दुकान खोल रखी है, जहां आते हैं झूठ बोलते हैं और चले जाते हैं। हम दावा करते हैं कि हमीरपुर और कांगड़ा में सबसे बड़ा खनन माफिया अगर कोई है तो मुख्यमंत्री के सगे भाई हैं। मुख्यमंत्री अनेक भ्रष्टाचार के मामलों में सम्मिलित हैं। हम उनसे सीधा पूछना चाहते हैं कि ऐसी क्या नौबत आ गई की दिसम्बर 2022 में यह सरकार बनी और फरवरी 2023 में खनन नीति बदली गई। यह पॉलिसी केवल अपने सगे भाई को फायदा पहुंचाने के लिए बदली गई थी। कैप्टिव क्लास को इस बदलाव में डाला गया था। 

वर्तमान समय में भी खनन पर कोई पूछ नहीं है, बस मुख्यमंत्री की मित्र मंडली ने पैसा कमाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आया था वह खुद ही परिवर्तित हो गया। आज अपनी पत्नी को टिकट देकर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि यह पार्टी परिवारवाद से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार लगातार प्रताड़ना कर रही है और अनेक झूठी एफआईआर बना रही है, नेताओं को परेशान किया जा रहा है। उनके परिवार, साथियों और साथ के लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और लोकतंत्र की हत्या भी कर रही है। लोकतंत्र का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है, जहां डा. राजेश को 9 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया, उसके उपरांत उन पर दबाव डाला गया, जिसके कारण वह अपने बयानों से पलट गए। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा व जिला प्रवक्ता विवेक शर्मा उपस्थित रहे।

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