बरसात की पहली बारिश से भूस्खलन, खतरे की जद्द में बहुमंजिला भवन

Edited By Kuldeep, Updated: 02 Jul, 2024 05:02 PM

shimla landslide multi storey building

बरसात की पहली ही बारिश ने शहर के लोगों को डरा कर रख दिया है। पहली ही बारिश ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। शहर में जगह-जगह पर बहुमंजिला भवन खतरे की जद्द में आ गए हैं।

शिमला (वंदना): बरसात की पहली ही बारिश ने शहर के लोगों को डरा कर रख दिया है। पहली ही बारिश ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। शहर में जगह-जगह पर बहुमंजिला भवन खतरे की जद्द में आ गए हैं। मकानों में कहीं पर दरारें पड़ रही हैं तो कहीं पर भवनों के डंगों से पत्थर खिसकने शुरू हो गए हैं। लोगों ने सुरक्षा के लिहाज से डंगों को तिरपाल से ढक दिया है। बरसात की पहली ही बारिश से बहुमंजिला भवनों के नीचे लगे डंगों पर लोगों ने तिरपाल डालनी शुरू कर दी है, ताकि बहुमंजिला भवनों को सुरक्षित किया जा सके। चलौंठी में पहली ही बारिश से बहुमंजिला भवन में दरारें आ गई हैं। भूस्खलन होने से मकान को अनसेफ घोषित कर खाली करवाया गया है, लेकिन अब भवन के नीचे लगे डंगे से पत्थर और मलबा निकलना शुरू हो गया है।

हालांकि इसे तिरपाल से ढका गया है, लेकिन यहां पर लगातार पत्थर निकलते जा रहे हैं। इससे भवन पर खतरा और बढ़ गया है। वहीं पंथाघाटी और कसुम्पटी के बीच में पैट्रोल पंप के समीप भी भूस्खलन होने से मकान को खतरा पैदा हो गया है। पिछली बारिश में भी यहां पर भूस्खलन हुआ था, लेकिन इस बार भी इस मकान को खतरा पैदा हो गया है। भवन मालिक की ओर से डंगों को तिरपाल से ढक दिया गया है। शहर में जगह-जगह डंगों और घरों के नीचे लोगों ने तिरपाल डालना शुरू कर दिया है। पिछली बरसात से शहर में तबाही मची थी। इस बार भी लोग सहमे हुए हैं। नगर निगम प्रशासन भी लोगों से सुरक्षित रहने की अपील कर रहा है। वहीं खतरनाक पेड़ों से भी लोग डरे हुए हैं। प्रशासन ने अभी केवल विजिट शुरू किया है। इस बरसात में भी लोगों को खतरनाक पेड़ों से राहत मिलती नहीं दिख रही है। वहीं नगर निगम प्रशासन ने लोगों से अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पार्क करने की अपील की है, ताकि भूस्खलन से वाहनों को नुक्सान न हो।

शहर में नहीं सुधरा ड्रेनेज सिस्टम, बारिश में सीढ़ियां व रास्ते बन रहे झरने
शहर में खस्ताहाल ड्रेनेज सिस्टम इस बार भी बरसात में लोगों के लिए कहर बरपा सकता है। रास्तों, सड़कों व नालियों में पर्याप्त जल निकासी व्यवस्था नहीं है। मूसलाधार बारिश में सीढ़ियों, रास्तों और सड़कों से पानी झरने की तरह बहता है, जिससे रास्ते और सीढ़ियां नालों में तब्दील हो जाती हैं। रास्तों का पानी लोगों के घरों व दुकानों में घुसकर तबाही मचा रहा है। वहीं नगर निगम केवल शहर में नालों और नालियों को खोलने तक सीमित हो गया है। नालों को खोलने का काम चला हुआ है। इसके लिए अतिरिक्त लेबर को हायर किया गया है, लेकिन खराब ड्रेनेज सिस्टम ने बरसात में लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

अवैध डंपिंग को रोकने के आदेश, वन विभाग को दिए कार्रवाई के आदेश
राजधानी में अवैध डंपिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बरसात में अवैध डंपिंग से नालों और पहाड़ियों पर मलबा फैंकने से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। मेयर ने वन विभाग को अवैध डंपिंग को रोकने को लेकर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। विभाग को उड़नदस्तों का गठन कर शहर का निरीक्षण कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आईजीएमसी के पास नाले में अवैध डंपिंग की गई है। इससे यहां पर भूस्खलन होने का खतरा बढ़ गया है।

फील्ड स्टाफ को सतर्क रहने के दिए हैं आदेश
मेयर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान का कहना है कि बरसात से निपटने को लेकर नगर निगम ने अपनी तैयारी कर रखी है। नालों व नालियों को साफ किया जा रहा है। इसके लिए अतिरिक्त लेबर हायर की गई है। इसके अलावा फील्ड स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं से भी भूस्खलन व अन्य शिकायतें मिलते ही अधिकारियों व फील्ड कर्मचारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं लोगों से भी सहयोग की अपील की जा रही है।

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