एच.आर.टी.सी. चालक-परिचालकों को मिला 2 महीने का ओवरटाइम

Edited By Kuldeep, Updated: 08 May, 2023 06:07 PM

shimla hrtc driver operator overtime

एच.आर.टी.सी. में ड्राइवर यूनियन की चेतावनी के बाद निगम के चालक-परिचालकों को 2 महीने का नाइट ओवरटाइम की राशि का भुगतान कर दिया है। चालक व परिचालकों फ रवरी, 2023 और फ रवरी, 2019 का नाइट ओवरटाइम जारी किया गया है, वहीं कर्मचारियों को अप्रैल महीने का...

शिमला (राजेश): एच.आर.टी.सी. में ड्राइवर यूनियन की चेतावनी के बाद निगम के चालक-परिचालकों को 2 महीने का नाइट ओवरटाइम की राशि का भुगतान कर दिया है। चालक व परिचालकों फ रवरी, 2023 और फ रवरी, 2019 का नाइट ओवरटाइम जारी किया गया है, वहीं कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन भी जारी कर दिया गया है। एच.आर.टी.सी. ड्राइवर यूनियन ने निगम प्रबंधन को चेतावनी दी थी कि यदि 6 मई तक उन्हें नाइट ओवरटाइम की राशि एडवांस में नहीं दी जाती है तो वहीं 7 मई से नाइट ओवरटाइम नहीं करेंगे। इसके बाद एच.आर.टी.सी. प्रबंधन ने यूनियन के साथ वार्ता तय की थी यह वार्ता 9 मई यानि मंगलवार को होनी है लेकिन वार्ता से पहले एच.आर.टी.सी. प्रबंधन ने चालक-परिचालकों को 2 महीनों का नाइट ओवरटाइम जारी कर दिया है, लेकिन ड्राइवर यूनियन 2 महीने के ओवरटाइम से खुश नहीं है। एच.आर.टी.सी. ड्राइवर यूनियन के प्रधान मान सिंह ठाकुर का कहना है कि जब कर्मचारी यूनियन को आंदोलन की धमकी देते हैं, तो फिर कर्मचारियों को बहलाने के लिए एच.आर.टी.सी. प्रबंधन व सरकार की ओर से एक या 2 महीने का ओवरटाइम डाल दिया जाता है। इसके बाद स्थिति वैसी ही बन जाती है जैसे पहले होती है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को होने वाली बैठक में कर्मचारी यह सपष्ट करेंगे कि कर्मचारियों को हर महीने नाइट ओवरटाइम की राशि जारी की जाए। वहीं पुरानी लंबित राशि कर्मचारियों को मिल जाए।

41 महीने की नाइट ओवरटाइम की राशि देय
यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि एच.आर.टी.सी. के चालक-परिचालकों को 41 महीने की नाइट ओवरटाइम की राशि देय है। यह राशि करीब 65 करोड़ रुपए के आसपास है। इसके अलावा एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों को 50 हजार रुपए एरियर की पहली किस्त भी जारी नहीं की गई है, न ही अभी तक डी.ए. मिला है। इसके अलावा मैडीकल बिलों रिंवर्समैंट का भुगतान किया जाना भी अभी बाकी है।

यूनियन ने चेताया अब नहीं चलेगा घाटे का बहाना
मान सिंह ठाकुर ने कहा कि जब कर्मचारी प्रबंधन व सरकार से लंबित वित्तीय राशि के भुगतान की बात करते हैं तो उन्हें घाटे का बहाना बनाकर टाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एच.आर.टी.सी. को कर्मचारियों की वजह से घाटा नहीं हो रहा है। कर्मचारी दिन रात एक कर सेवाएं दे रहे हैं। कर्मचारियों को सरकार व प्रबंधन के खिलाफ  आंदोलन करने का शौक नहीं है, लेकिन जब कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिलती है। मैडीकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। अपनी जेब से पैसा खर्च कर ओवरटाइम करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के परिवार के भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोन की किस्तें समय पर नहीं चुका पा रहे हैं। ऐसे में मजबूर होकर कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ता है।

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