Edited By Kuldeep, Updated: 23 Mar, 2025 10:34 PM

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भविष्य में स्किल डिवैल्पमैंट कोर्स करना अनिवार्य किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने के बाद विद्यार्थियों को कम से कम 3 से 6 माह का स्किल डिवैल्पमैंट कोर्स करवाया...
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भविष्य में स्किल डिवैल्पमैंट कोर्स करना अनिवार्य किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने के बाद विद्यार्थियों को कम से कम 3 से 6 माह का स्किल डिवैल्पमैंट कोर्स करवाया जाएगा। जिस कोर्स में संबंधित विद्यार्थी ने प्रवेश लिया होगा, उसके साथ-साथ यह उक्त कोर्स भी करना होगा।
रविवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि एचपीयू को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान दिलाने की दिशा में कदम उठाने के लिए एचपीयू में ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए 3 अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ करार कर संयुक्त डिग्री प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीते वर्ष उन्होंने ऑनलाइन कोर्स शुरू किए हैं और अब इसी तर्ज पर एचपीयू में ऑनलाइन कोर्स शुरू होंगे। इससे विद्यार्थी अपने घर से ही पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय होस्टल व गैस्ट हाऊस भी निर्मित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 4 वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राम शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मल्टीपल एंट्री व मल्टीपल एग्जिट और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को भी प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्र अपनी क्षमता के अनुसार 2 पीजी कोर्स लागू शर्तों के साथ कर सकता है। भविष्य में विश्वविद्यालय में रिसर्च क्लब बनाने पर फोकस किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में उपस्थित प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजिंद्र वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ता रहेगा और नित नए मुकाम हासिल करता रहेगा।
एचपीयू फीस व अन्य साधनों से कमाई कर एचपीयू को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर
कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय फीस व अन्य साधनों से कमाई कर सकता है। अन्य आय के साधनों में वृद्धि कर विश्वविद्यालय को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू की गई है, ऐसे में भर्ती के लिए शुल्क में भी वृद्धि की जाएगी, जो 200 रुपए से अधिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों पर अत्यधिक बोझ न डालकर अपने पंजीकृत निजी संस्थानों की फीस में वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से विश्वविद्यालय को 152.20 करोड़ का ही वार्षिक अनुदान सहायता राशि मिलेगी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नोएडा सैंटर का भवन एनटीए को किराए पर दिया गया है जिससे हर वर्ष लगभग 3 करोड़ की आय अर्जित होगी।
यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार नैशनल अकादमिक डिपॉजिट्री (एनएडी) में पंजीकरण के लिए एनएडी का पोर्टल तैयार कर एबीसी में अभी तक करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है और विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा।
एचपीयू मेें फेज 3 बहुमंजिला भवन का निर्माण अंतिम चरण में
विश्वविद्यालय में फेज 3 बहुमंजिला भवन का निर्माण अंतिम चरण पर है जो कि अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रों एवं प्राध्यापकों को सौंप दिया जाएगा ,जो कि 9 करोड़ 50 लाख की लागत से तैयार किया गया है। पी.एम. उषा के तहत नए अकादमिक भवन जो कि पुरानी डिस्पैंसरी के स्थान पर बनाया जाएगा उसके लिए 8 करोड़ 25 लाख 21 हजार 400 रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जल्द ही इस भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। पीएम उषा के तहत माॅर्डन डिजिटल लाइब्रेरी के भवन के लिए 10 करोड़ 16 लाख 20 हजार 200 रुपए रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस भवन का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा।
विश्वविद्यालय में बनेगी खेल अकादमी, घणाहट्टी में बनेगा दूसरा परिसर
विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर जो कि घणाहट्टी में बनेगा, जिसकी सहमति मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान कर दी गई है। अब जल्द ही विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर को बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। जल्द ही विश्वविद्यालय अपनी खेल अकादमी बनाने जा रहा है। प्रो. बंसल ने बतौर एचपीयू के कुलपति 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस मौके पर उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई।
एचपीयू के कुलपति पद से भार मुक्त होना चाहते हैं प्रो. बंसल
कुलपति प्रो. बंसल ने कहा कि वे 3 वर्षों से केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के साथ-साथ एचपीयू के कुलपति पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। इससे काम का ओवरलोड हो गया है। ऐसे में वे अपनी इच्छा से एचपीयू के कुलपति पद से भार मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह शीघ्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलेंगे।