हिमाचल के 100 सरकारी स्कूलों में CBSE आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

Edited By Kuldeep, Updated: 15 Sep, 2025 11:19 PM

shimla himachal 100 government schools cbse approval

हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों मेें सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों मेें सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अगले शैक्षणिक सत्र यानी कि 2026-27 से प्रदेश के इन सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होगा। हालांकि बीते कुछ दिनों से इसको लेकर लगातार चर्चा चल रही थी और इसी बीच हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ के अलावा अन्य शिक्षक संघों ने इसका विरोध किया था।

इस बीच हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर चयनित सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड करने के फैसले पर पुन: विचार करने की मांग की थी। अब सोमवार को यह मामला मंत्रिमंडल की बैठक में उठा और 100 सरकारी स्कूलों मेें सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की गई। हालांकि बीते 9 सितम्बर को शिक्षा विभाग ने 229 स्कूलों में सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर स्कूलों के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे।

अब प्रदेश सरकार द्वारा अगले वर्ष 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई के अधीन लाने का निर्णय लिए जाने के बाद इससे संबंधित औपचारिकताओं को समयबद्ध पूरा करना होगा। जानकारी के अनुसार चयनित स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता लेने की प्रक्रिया में स्कूलों को आधारभूत ढांचे का उन्नयन, शिक्षक प्रशिक्षण और सी.बी.एस.ई. के मानकों के अनुरूप नियमों का पालन करना होगा। शॉर्टलिस्ट किए गए स्कूलों में पीएम श्री स्कूलों के अलावा एक्सीलैंस स्कूल व अन्य स्कूल शामिल हैं।

सीबीएसई से मान्यता लेने के लिए चाहिए होंगे 70 हजार रुपए
सीबीएसई से मान्यता लेने के लिए प्रस्तावित स्कूलों के पंजीकरण, निरीक्षण, अपेक्षित शुल्क आदि के रूप में प्रति स्कूल करीब 70 हजार की राशि की आवश्यकता होगी। इसके अलावा छोटी-मोटी मुरम्मत, जीर्णोद्धार और परिवर्तन कार्यों के लिए तथा सीबीएसई उप नियमों के अनुरूप अवसंरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को बजट की व्यवस्था करनी होगी। इसके अलावा शैक्षणिक विवरण, स्टाफ और अन्य सुविधाओं का लेखा-जोखा भी तैयार करना होगा।

सीबीएसई से मान्यता लेने पर और सरकारी स्कूलों में सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने पर इन सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को देश भर के अपने साथियों के साथ समान अवसर मिलेंगे, उनकी शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उच्च शिक्षा तथा पेशेवर करियर के लिए बेहतर अवसर खुलेंगे। इससे विद्यार्थियों के अलावा शिक्षकों को भी लाभ हो सकता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!