Edited By Kuldeep, Updated: 28 Jul, 2025 10:14 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण व्यवस्था दी हैै कि कोई कर्मचारी अलग-अलग कैडर के अंतर्गत दी गई अलग-अलग सेवाओं को मिलाकर सुनिश्चित करियर प्रगति योजना (एसीपीएस) का लाभ नहीं ले सकता।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण व्यवस्था दी हैै कि कोई कर्मचारी अलग-अलग कैडर के अंतर्गत दी गई अलग-अलग सेवाओं को मिलाकर सुनिश्चित करियर प्रगति योजना (एसीपीएस) का लाभ नहीं ले सकता। कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए एश्योर्ड करियर प्रोग्रैशन (एसीपी) योजना का लाभ पाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्त्ता ने एसीपी योजना का लाभ प्रदान करने और अपनी पिछली सेवाओं को वरिष्ठता के लिए गिनने की मांग की थी।
न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने कहा कि याचिकाकर्त्ता द्वारा मूल विभाग और उसे समायोजित करने वाले विभाग में निभाई गई जिम्मेदारियों की प्रकृति की तुलना करने के लिए न तो कोई डेटा उपलब्ध करवाया और न ही रिकॉर्ड में ऐसे कोई तथ्य रखे गए हैं। इसलिए याचिकाकर्त्ता एसीपी योजना के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं। याचिकाकर्त्ता ने सबसे पहले टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में स्टैनो टाइपिस्ट के रूप में सेवा शुरू की थी। 1 नवम्बर,1999 को वह प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में क्लर्क रूप में शामिल हुई और 21 सितम्बर, 2002 को उनकी सेवा स्थायी रूप से बोर्ड में समाहित कर दी गई।
याचिकाकर्त्ता का दावा था कि 2003 में 8 साल की सेवा पूरी होने पर एसीपी योजना का लाभ मिलना चाहिए था। इसमें टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में उनकी पिछली सेवाओं को भी शामिल करना चाहिए था, लेकिन बोर्ड ने 31 दिसम्बर, 2003 को और फिर 10 अगस्त, 2011 को उनके अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि स्टैनो टाइपिस्ट और क्लर्क के पद समान नहीं थे। कहा गया कि बोर्ड में स्टैनो टाइपिस्ट का कोई पद नहीं था।