Edited By Kuldeep, Updated: 25 Jul, 2025 09:52 PM

सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी भी देनी होगी और छठीं से दसवीं कक्षाओं को भी पढ़ाना होगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की ओर से इसको लेकर स्पष्ट आदेश जारी किए हैं।
शिमला (प्रीति): सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी भी देनी होगी और छठीं से दसवीं कक्षाओं को भी पढ़ाना होगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की ओर से इसको लेकर स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। इसके तहत स्कूल लैक्चरार न्यू को 11वीं और 12वीं कक्षा के अलावा छठीं से दसवीं कक्षा के छात्रों को भी पढ़ाना होगा। इसमें उन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि स्कूल लैक्चरार न्यू के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में इसका प्रावधान है। ऐसे में शिक्षक इन कक्षाओं को पढ़ाने से इंकार नहीं कर सकते। इसके साथ ही 80 प्रतिशत स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों की संख्या घटी है।
इन कक्षाओं में छात्र कम हैं। ऐसे में उक्त शिक्षक आसानी से छठी से दसवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ा सकते हैं। इससे स्कूलों के रिजल्ट भी बेहतर आएंगे और शिक्षकों की कमी भी नहीं होगी। इस दौरान स्कूल शिक्षा निदेशालय को स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर को कोई शिक्षक तय की गई शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक ड्यूटी करने से इंकार करता है, तो उनके नामों की सूची बनाई जाए। गौर हो कि शिक्षक संगठनों ने चुनावी ड्यूटी देने से इंकार किया है। वहीं कई संगठनों ने इस मामले पर शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन व पत्र लिखकर बीएलओ ड्यूटी से छूट मांगी थी। इसके अलावा लैक्चरार भी छठीं से दसवीं कक्षाएं पढ़ाने के विभाग के आदेशों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में इन दोनों मामलों पर शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी भी देनी होगी और छठी से दसवीं कक्षाएं भी पढ़ानी होंगी।
अभी प्रधानाचार्यों को नहीं दिया गया पूरा कंट्रोल
प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा स्कूलों में प्रधानाचार्यों को शक्तियां देने के मामले पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि अभी स्कूलों का पूरा कंट्रोल प्रधानाचार्यों को नहीं दिया गया है।
छठी से दसवीं तक की कक्षाओं को पढ़ाने के आदेशों का विरोध
हिमाचल प्रदेश कम्प्यूटर विज्ञान प्रवक्ता संघ ने विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा लैक्चरार (स्कूल न्यू) को कक्षा छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ाने के निर्देशों पर सवाल उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश कम्प्यूटर विज्ञान प्रवक्ता संघ ने इस निर्णय को विषय विशेषज्ञता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूल भावना के विपरीत बताया है। संघ ने कहा कि प्रवक्ताओं (स्कूल न्यू) की नियुक्ति स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने बाद विषयों की विशेषज्ञता के आधार पर होती है, ताकि वे विद्यार्थियों द्वारा 11वीं कक्षा में चुने गए स्ट्रीम एवं विषयों में विद्यार्थियों को प्रारंभिक विशेषज्ञता में दीक्षित कर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।