Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 30 Jul, 2024 06:14 PM
हिमाचल कांग्रेस की 4 से 5 जिलों की कार्यकारिणियों को भंग किया जा सकता है, साथ ही 15 से अधिक ब्लॉक कमेटियों पर भी गाज गिर सकती है।
शिमला (राक्टा): हिमाचल कांग्रेस की 4 से 5 जिलों की कार्यकारिणियों को भंग किया जा सकता है, साथ ही 15 से अधिक ब्लॉक कमेटियों पर भी गाज गिर सकती है। इसी तरह प्रदेश कार्यकारिणी में भी व्यापक फेरबदल किया जा सकता है। प्रदेश में सत्ता में होने के बाद बावजूद चारों लोकसभा सीटों में मिली हार के कारणों की पूरी रिपोर्ट हाईकमान के पास पहुंच चुकी है, जिसके बाद अब एक्शन लेने की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में अब जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का एक कारण धरातल पर संगठन की कमजोरी भी माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार कई ब्लॉक कमेटियों ने तो पार्टी मुख्यालय से जारी निर्देशों को ही गंभीरता से नहीं लिया। कुछ ब्लॉक अध्यक्षों ने कार्यकारिणी के गठन तक में देरी की। इसी तरह कुछ जिलों में कांग्रेस गुटों में ही उलझी रही, जिससे चुनाव में नुक्सान हुआ। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी दिल्ली जाकर अपना-अपना पक्ष हाईकमान के समक्ष रख चुके हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का कुछ ब्लॉकों और जिलों में प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। ऐसे में संबंधित जिलों और ब्लाॅक कमेटियों को भंग किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी संगठन में सक्रिय चेहरों को आगे लाना चाह रही हैं। इस संदर्भ में हाईकमान से भी चर्चा हो चुकी है।
इस्तीफे देने का दौर
प्रदेश में चुनावी संग्राम थमने के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर भी चला हुआ है। इसके तहत कई पदाधिकारी अपना इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें 2 प्रदेश सचिव भी शामिल हैं। पहले प्रदेश कांग्रेस के सचिव हरिकृष्ण हिमराल ने इस्तीफा दिया। उसके बाद जितेंद्र ठाकुर ने संगठन के सभी पदों से अपना इस्तीफा दिया। हालांकि दोनों को पार्टी स्तर पर मना लिया गया है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों से कुछ पदाधिकारियों के इस्तीफे देने की बात सामने आ रही है।
सत्ता-संगठन में तालमेल के प्रयास
कांग्रेस हाईकमान प्रदेश में सत्ता-संगठन के तालमेल को बेहतर बनाना चाह रहा है। इस दिशा में एक समन्वय समिति का भी गठन किया गया है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही समिति की बैठक दिल्ली में हो सकती है। इसमें कुछ पदाधिकारियों की ताजपोशी सरकार में किए जाने पर अंतिम निर्णय हो सकता है।